रामनगरी के भूतल के दरवाजों को स्वर्ण जड़ित किए जाने की प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंच गई है। तीन मंजिला राममंदिर में कुल 42 दरवाजे लगाए जाने हैं। हर तल में 14-14 दरवाजे होंगे। राममंदिर के भूतल में लगने वाले सभी दरवाजे स्वर्ण जड़ित किए जा रहे हैं। इन दरवाजों को स्वर्ण जड़ित करने में 50 किलो सोना लगने का अनुमान है।
दरवाजों को स्वर्ण जडि़त करने में जुटे एक कारीगर ने बताया कि दरवाजे सागौन की लकड़ी के हैं। इन पर पहले नक्काशी की गई है। फिर तांबे की चादर चढ़ाई गई है। इस पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ाई जा रही है। पांच जनवरी तक भूतल के सभी दरवाजों को स्वर्ण जड़ित करने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री का स्टॉल या दुकान नहीं होगी। यानि आपको यहां चाय की दुकान भी नहीं मिलेगी। परिसर को साफ-स्वच्छ रखने के लिए ऐसा निर्णय लिया गया है। अगले 25 सालों तक यहां कोई ऐसा कारोबार न बढ़े ताकि परिसर गंदगी से युक्त हो।
10 जनवरी तक सामने आएगा अचल मूर्ति के चयन का परिणाम
उधर, रामलला की अचल मूर्ति के चयन को लेकर ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने शुक्रवार को गुप्त मतदान किया था। सभी सदस्यों ने मूर्ति को लेकर अपने-अपने विचार एक पर्ची में लिखकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चपंत राय को सौंप दिया है। ट्रस्ट के सूत्रों का कहना है कि अचल मूर्ति का परिणाम दस जनवरी तक आ सकता है।
रामलला श्याम या फिर श्वेत रंग के होंगे, इसकी घोषणा ट्रस्ट दस जनवरी तक कर सकता है। कर्नाटक के दो व राजस्थान के एक मूर्तिकार ने तीन अलग-अलग मूर्तियां बनाई हैं। इनमें से जो सर्वोत्तम होगी वह रामजन्मभूमि में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठित की जाएगी।
मूर्ति के चयन के लिए जिन्होंने गुप्त मतदान किया, उनमें ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि, महासचिव चंपत राय, राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, युगपुरुष स्वामी परमानंद, बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉ. अनिल मिश्र, कामेश्वर चौपाल, महंत दिनेंद्र दास, आईएएस ज्ञानेश कुमार, प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, जिलाधिकारी नितीश कुमार शामिल रहे।
अधिवक्ता के परासरण व स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ की राय वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ली गई है। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र का कहना है कि अचल मूर्ति पर अंतिम निर्णय ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि व महासचिव चंपत राय को लेना है।