रामनवमी से रामलला की आरती में श्रद्धालुओं को भी शामिल होने का मौका मिलेगा, जबकि ट्रस्ट की अगली बैठक में रामलला के पूजा-पाठ, भोग के साथ पुजारियों की व्यवस्था में बदलाव भी किए जा सकते हैं। नए पुजारियों को कार्यभार सौंपा जा सकता है।
इस बार रामनगरी में रामनवमी पर्व का उत्साह चरम पर होगा। वजह यह है कि रामलला टेंट से आजाद होकर नए गर्भगृह में विराजने जा रहे हैं। रामलला तब तक फाइबर के अस्थायी गर्भगृह में विराजेंगे, जब तक भव्य राममंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता। अभी तक रामनवमी पर्व रामलला के दरबार में सुरक्षा प्रबंधों के मध्य औपचारिकता पूर्वक ही मनाया जाता था।
श्रद्धालु रामलला के दरबार की रामनवमी का उल्लास नहीं देख पाते थे लेकिन इस बार रामनवमी पर्व पर श्रद्धालु भगवान श्रीराम के प्राकट्योत्सव में न सिर्फ शामिल हो पाएंगे बल्कि उन्हें अपने आराध्य की आरती का भी अवसर मिलेगा। इसके लिए श्री रामजन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा तैयारी तेज कर दी गई है।
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के पक्ष में फैसला आने के बाद कई चीजों में बदलाव किए जाने हैं, जिसमें भगवान रामलला की आरती पूजन के समय के साथ इनमें शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं को भी मौका मिले, इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
साथ ही टेंट रूपी मंदिर में विराजमान भगवान रामलला के भव्य मंदिर के बदलाव के साथ उनकी सेवा करने वाले पुजारियों के लिए भी ट्रस्ट विचार करने जा रही है। अगली बैठक में नए पुजारियों की नियुक्ति भी ट्रस्ट कर सकती है।