पिछले साल से शुरू हुई इजरायल-हमास की जंग थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। शनिवार को इजरायल ने दक्षिणी शहर राफा में एक अस्पताल के पास विस्थापित नागरिकों के रिफ्यूजी टेंट पर हमला किया। इसमें लगभग 11 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि यह हमला अमीराती अस्पताल के पास हुआ है।
इस हमले के बीच इजरायली सेना ने दावा किया कि अस्पताल के क्षेत्र में इस्लामिक जिहाद समूह के आतंकवादियों को निशाना बनाकर सटीक हमला किया गया था। इस हमले को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेबियस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी चिंता जाहिर की और इस इजरायली स्ट्राइक को अपमानजनक और अकथनीय करार दिया।
मारे गए में बच्चे भी शामिल
गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-कुद्रा ने एक बयान में कहा कि अमीराती मैटरनिटी अस्पताल के पास हुए विस्फोट में मारे गए लोगों में एक सहायक चिकित्सक भी शामिल है और बच्चे घायल हो गए। कुद्रा ने कहा कि इजरायली बलों द्वारा अमीराती अस्पताल के पास विस्थापित लोगों के तंबुओं को निशाना बनाने के परिणामस्वरूप 11 नागरिक शहीद हो गए और बच्चों सहित लगभग 50 घायल हो गए।
सड़कों पर खून से लथपथ पड़े शव
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए फुटेज के अनुसार, सड़कों पर खून से लथपथ शव दिखाई दे रहे थे और भीड़ जमा हो गई थी। साथ ही लोग घायलों को इलाज के लिए ले जा रहे थे। राफा में घायल लोगों को स्ट्रेचर पर कुवैती अस्पताल ले जाते हुए देखा गया।
इजरायली सेना ने पुष्टि की कि अस्पताल के क्षेत्र के पास हमला हुआ। सेना ने एक बयान में कहा कि इस्लामिक जिहाद आतंकवादियों के खिलाफ सटीक हमला किया गया और क्षेत्र के अस्पताल को कोई नुकसान नहीं हुआ।
15 लाख फलस्तीनियों ने राफा में मांगी शरण
इजरायल ने बार-बार हमास के आतंकवादियों पर सैन्य उद्देश्यों के लिए अस्पतालों का उपयोग करने का आरोप लगाया है, लेकिन फलस्तीनी समूह इससे इनकार करता है। एक अनुमान के अनुसार 15 लाख फलस्तीनियों ने राफा में शरण मांगी है, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि अगर इजरायल शहर पर योजनाबद्ध जमीनी आक्रमण करता है तो बड़े पैमाने पर हताहत होंगे।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हमास के खिलाफ इजरायल के जवाबी सैन्य अभियान में कम से कम 30,320 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।