बहुजन समाज पार्टी से निलंबित किए गए विधायकों ने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह भाजपा से मिल गई हैं। जब हमने इसका विरोध किया तो उन्होंने हमें पार्टी से निकाल दिया।

बसपा विधायक असलम ने कहा कि मैंने भाजपा से हाथ मिलाने का विरोध किया तो पार्टी से निकाल दिया गया लेकिन मैं बसपा विधायक बना रहूंगा।
वहीं, एक अन्य बागी विधायक हाकिम लाल बिंद ने कहा कि हमने बसपा के भाजपा से हाथ मिलाने का विरोध किया था। हालांकि, उन्होंने अखिलेश यादव से मुलाकात करने की बात से इनकार किया है।
विधायक वंदना सिंह ने कहा कि वह कल से ही बसपा के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं और सपा के किसी भी नेता से कभी मुलाकात नहीं की। उन्होंने बताया कि वह कल पूरे दिन घर पर ही थीं और उन्हें नहीं पता कि पूरा मामला कहां से शुरू हुआ है। उन्होंने बताया कि मैंने पूरी स्थिति से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा व उपनेता उमा शंकर सिंह को अवगत करवा दिया है और सपा से हाथ मिलाने जैसी किसी भी बात कर खंडन करती हूं।
विधायक सुषमा पटेल ने कहा कि उन्हें बुलाया गया था इसलिए वह सपा नेता से मिलने गई थीं क्योंकि राजनीति में किसी नेता से मिलने में कोई रोक नहीं है। पार्टी की तरफ से कोई व्हिप नहीं जारी किया गया है और न ही इसके खिलाफ कोई मतदान किया है। इसके बावजूद अगर कार्रवाई की गई है तो उसका स्वागत है।
इन विधायकों को निलंबित किया गया है
असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती)
असलम अली (ढोलाना-हापुड़)
मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद)
हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज)
हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर)
सुषमा पटेल ( मुंगरा बादशाहपुर)
वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़)
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