राजस्थान की सियासत में पिछले कई दिनों से जारी नूराकुश्ती का आज फाइनल है. सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों की याचिका पर आज राजस्थान हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हो गई है. अब केंद्र सरकार भी इस मामले में पक्षकार बनी है.
पिछली सुनवाई में अदालत ने राजस्थान विधानसभा स्पीकर को बागियों पर किसी तरह का एक्शन लेने से रोक लगा दी थी. जिसके बाद स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन SC ने भी HC की सुनवाई टालने से इनकार कर दिया था.
10.46 AM: राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है. अब केंद्र सरकार भी इसमें पक्षकार है, ऐसे में केंद्रीय कानून मंत्रालय की ओर से कानूनी पक्ष रखा जा रहा है.
10.40 AM: राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट गुट के विधायक पृथ्वीराज मीणा की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की बात कही गई थी.
10.07 AM: अब से कुछ देर में राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू होगी. पायलट गुट की याचिका पर हाईकोर्ट को आज अपना फैसला सुनाना है.
09.00 AM: सचिन पायलट गुट की याचिका पर अब से कुछ देर में फैसला सुनाया जाएगा. फैसले पर नजर इसलिए भी हैं क्योंकि पायलट गुट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र को पक्षकार बनाने को कहा है, यानी अगर इसे स्वीकारा जाता है तो तुषार मेहता या वेणुगोपाल अदालत में पेश हो सकते हैं. ऐसे में इस मामले के लंबा खिंचने की भी उम्मीद है.
पार्टी में ही बागी रुख अपनाने वाले सचिन पायलट और उनके साथियों ने स्पीकर का नोटिस मिलने के बाद अदालत का रुख किया था. विधायक दल की बैठक में शामिल ना होने पर कांग्रेस ने स्पीकर से शिकायत की, फिर स्पीकर ने नोटिस दिया. इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित किया, साथ ही स्पीकर को कोई एक्शन ना लेने को कहा. अब इसी पर आज सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाया जाएगा.
हाईकोर्ट के द्वारा फैसला ना देने को आदेश ने राजस्थान स्पीकर सीपी जोशी ने संविधान का उल्लंघन माना. सीपी जोशी की ओर से दावा किया गया कि जबतक स्पीकर कोई फैसला ना ले, तबतक अदालत उसके कामकाज में दखल नहीं दे सकती है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कई घंटे की सुनवाई के बाद भी हाईकोर्ट की सुनवाई टालने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ एक दिन की बात है, पहले हाईकोर्ट का फैसला आ जाए. इसलिए अब इसपर सोमवार को सुनवाई होगी.
दरअसल, पायलट गुट का दावा है कि वो पार्टी में रहकर ही अपनी आवाज़ उठा रहे हैं और पार्टी की मीटिंग पर व्हिप लागू नहीं होता है. वो सिर्फ विधानसभा के सदन के लिए होता है. जबकि गहलोत गुट का कहना है कि बागियों ने पार्टी के नियमों का उल्लंघन किया, बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश की जो दिखाता है कि पार्टी के साथ रहने की उनकी मंशा नहीं है.
एक तरफ हर किसी की नजरें हाईकोर्ट के फैसले पर हैं, तो दूसरी ओर अशोक गहलोत की सरकार जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाने पर विचार कर रही है. सीएम गहलोत ने गुरुवार को कहा कि सत्र जल्द बुलाया जाएगा, उनके पास बहुमत है और सभी विधायक उनके साथ हैं.