तेज धूप और गर्मी से परेशान दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए पश्चिमी राजस्थान से बड़ी मुसीबत आ रही है। भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) की मानें तो आने वाले दिनों में राजस्थान की धूल दिल्ली और एनसीआर के लोगों की मुसीबत और बढ़ाएगी। दरअसल, राजस्थान में चल रही धूल भरी आंधी की वजह से दिल्ली में धूल का पहुंचना शुरू हो गया है। सोमवार तक तक गर्म हवाओं का सिलसिला कम हो जाएगा उस दिन प्रदूषण और अधिक बढ़ जाएगा।

बादल गरजेंगे पर बरसेंगे नहीं
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि मंगलवार और बुधवार को राजधानी व आसपास के क्षेत्रों में धूल भरी आंधी चल सकती है। इस दौरान हल्के बादल के साथ गर्जना भी हो सकती है। हालांकि इससे तापमान में बहुत ज्यादा गिरावट आने की संभावना नहीं है।
राजस्थान की धूल बढ़ाएगी दिल्ली का प्रदूषण
करीब तीस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा के कारण तापमान में तो ज्यादा इजाफा नहीं हुआ, लेकिन लोगों को धूप के थपेड़ों का सामना अवश्य करना पड़ा। वहीं, हवा में धूल की मात्र बढ़ने से दिल्ली की हवा फिलहाल खराब श्रेणी में बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी एयर बुलेटिन के मुताबिक रविवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 264 रहा। इस स्तर की हवा को खराब श्रेणी में रखा जाता है। पश्चिमी राजस्थान की धूल दिल्ली के लोगों को परेशान करेगी और इस दौरान प्रदूषण का स्तर खराब से बेहद खराब पर भी पहुंच सकता है। सोमवार भी तेज धूप और गर्मी के चलते दिल्ली-एनसीआर के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
इससे पहले रविवार को तेज धूप की चुभन ने दिल्लीवासियों को छुटटी के दिन भी घर में कैद रहने पर मजबूर कर दिया। सुबह से खिली धूप दिन चढ़ने के साथ और भी तीखी होती गई। दिन में चली तेज गर्म हवा ने भी दिल्लीवासियों का हाल बेहाल कर दिया।
रविवार को औसत अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो कि सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा है। न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है। सबसे ज्यादा गर्मी रिज क्षेत्र के लोगों को ङोलनी पड़ी। यहां का अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो कि दिल्ली में सबसे ज्यादा रहा। जबकि पालम में 42.9, स्पोट्र्स कांप्लेक्स में 42.9, आया नगर में 42.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
दिल्ली की ढाल अरावली पर ‘वार’
यहां पर बता दें कि दिल्ली-एनसीआर को राजस्थान की धूल से बचाने वालीं अरावली की पहाड़ियां खुद संकट में हैं। यही वजह है कि दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आबोहवा हर दूसरे-तीसरे महीने भी प्रभावित होने लगी है।
अरवाली की पहाड़ियां दिल्ली, हरियाण और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को धूल और प्रदूष से बचाती रही हैं, लेकिन हाल का एक अध्ययन बताता है कि अरावली में जारी खनन से थार की रेत दिल्ली की ओर लगातार खिसकती जा रही है। राजस्थान से हरियाण तक एक विशाल इलाके में खनन से जमीन की उर्वरता खत्म हो रही है।
इससे हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सूखा और राजस्थान के रेतीले इलाके में बाढ़ की स्थिति बनने लगी है, क्योंकि मानसून का पैटर्न बदलता जा रहा है प्रदूषण के मोर्चे पर हालांकि पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है, पर अरावली में अवैध खनन पर पूरी तरह अंकुश लगाकर अब भी पर्यावरण को कमोबेश बचाया जा सकता है।
 Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
 
		
 
 
						
 
						
 
						
 
						
 
						
