रुद्रपुर में आयोजित किसान महापंचायत में पहुंचने से पहले भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत हरी पगड़ी में दिखाई दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन सिर्फ किसानों की समस्याओं को लेकर है। किसी दल की सरकार बनाने और गिराने से हमारे आंदोलन का कोई सरोकार नहीं है।
सोमवार को भाकियू नेता टिकैत रुद्रपुर महापंचायत में जाने से पहले कुछ देर काशीपुर में रुके। जहां उन्होंने यह बात कही। पत्रकारों से वार्ता करते हुए टिकैत ने कहा कि पहाड़ के किसानों को फल, सब्जियों और मोटे धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) न मिलना पलायन का सबसे बड़ा कारण है। कहा कि पहाड़ में जैविक खेती की उपज का सही मूल्य न मिलने से यहां का किसान परेशान है।
उन्होंने उत्तराखंड में पर्वतीय भत्ता दिए जाने की मांग की। कहा कि पहाड़ में सब्जी और फल का बहुतायत में उत्पादन होता है, लेकिन उन्हें उगाने वालों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। टिकैत ने कहा कि यहां बड़े-बड़े होटल हैं जो कि बाहर के लोगों के हैं। इन होटलों में बाहर से पर्यटक आते हैं। जिसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल पाता है। भाकियू नेता ने कहा कि यहां विलेज टूरिज्म पॉलिसी बननी चाहिए। तब ही यहां के किसानों को लाभ मिलेगा।
राकेश टिकैत ने कहा किसान को फसल उत्पादन से लेकर मंडी तक पहुंचाने के लिए सरकार ट्रांसपोर्ट सब्सिडी दे। उन्होंने कहा कि जैसे सरकारी नौकरी वालों को अलाउंस मिलता है वैसे ही पहाड़ में रहने वाले हर व्यक्ति को हिल अलाउंस मिले है। कहा कि पहाड़ में किसानों को जंगली-जानवरों के आतंक से मुक्ति दिलाई जाये।
कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को रुद्रपुर में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों का दावा है कि महापंचायत में एक लाख से अधिक किसान पहुंच सकते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा गाजीपुर बॉर्डर के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि महापंचायत को लेकर किसानों में उत्साह है। सरकार को नए कृषि कानूनों को जल्द वापस लेना चाहिए।
केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून के विरोध में पूरे देश में चल रहे किसान महापंचायतों के मद्देनजर उत्तराखंड के रुद्रपुर में आयोजिल किसान महापंचायत में देहरादून जिले के पछवादून से सैकड़ों लोग हिस्सा ले रहे हैं।