राजनाथ सिंह राफेल लाने के लिए फ्रांस हुए रवाना, दशहरा का ‘शस्त्र पूजन’ पेरिस में करेंगे

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वायुसेना का पहला राफेल विमान लेने के लिए आज फ्रांस रवाना हो गए हैं। इस दौरान वे फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों से भी मिलेंगे। राजनाथ सिंह विदेश में भारतीय मूल्यों को बरकरार रखते हुए पेरिस में शस्त्र पूजन (हथियारों की पूजा) भी करेंगे।

मंगलवार सुबह राजनाथ सिंह का फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात का कार्यक्रम है। जिस दिन वायुसेना को पहला राफेल विमान मिलेगा उसी दिन भारत में दशहरा भी मनाया जाएगा। इस खास दिन के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस में ‘शस्त्र पूजा’ (हथियारों की पूजा) भी करेंगे। पूजा करने के बाद वे राफेल विमान में उड़ान भरेंगे ।

बता दे कि शस्त्र पूजन हिंदुओं की बहुत पुरानी हिंदू परंपरा है जिसमें योद्धा अपने हथियारों और शस्त्रों की पूजा करते हैं। राजनाथ के करीबी रक्षा अधिकारियों ने कहा कि अपने गृह मंत्री कार्यकाल के दौरान से राजनाथ हर दशहरे पर शस्त्र पूजन करते हैं। अब रक्षा मंत्री होने के नाते भी वह अपनी इसी परंपरा को जारी रखेंगे।

फ्रांस के मेरीग्नैक में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को फ्रांस पहला राफेल विमान सौंपेगा। इस कार्यक्रम में फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले भी हिस्सा लेंगी। इस राफेल विमान में राजनाथ सिंह उड़ान भी भरेंगे। 

फ्रांस और भारत के बीच ‘एनुअल डिफेंस डायलॉग’ का आयोजन भी होगा जिसमें राजनाथ सिंह और फ्लोरेंस पार्ले दोनों देशों के रक्षा संबंधों पर चर्चा करेंगे। नौ अक्टूबर को राजनाथ सिंह फ्रेंच डिफेंस इंडस्ट्री के सीईओ की एक सभा को संबोधित करेंगे। रक्षा मंत्री इन अधिकारियों को मेक इन इंडिया में भागीदार बनने की अपील कर सकते हैं।

राफेल में लगीं ये दो मिसाइलें दुश्मन पर बरसाएंगी कहर

राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी एमबीडीए का कहना है कि मीटिअर और स्काल्प मिसाइलों से लैस होने के चलते यह बेहद खतरनाक हो गया है। दोनों मिसाइलों से लैस राफेल भारत की सैन्य शक्ति को और मजबूत करेगा। एमबीडीए ने कहा, अत्याधुनिक मिसाइल से लैस राफेल भारत के लिए गेमचेंजर साबित होगा।

राफेल दुश्मनों के गढ़ में अंदर तक जाकर प्रहार करने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता से भारत एशियाई क्षेत्र में मजबूत हवाई ताकत के तौर पर उभरेगा। राफेल विमान में तैनात मीटिअर और स्काल्प मिसाइलें वायुसेना को हवा से हवा में मार करने की अद्भुत क्षमता प्रदान करेंगी। ये दोनों मिसाइलें राफेल जेट का सबसे बड़ा आकर्षण हैं। 

एयरक्राफ्ट के जरिए नई क्षमता मिलेगी

एमबीडीए के इंडिया चीफ लुइस पीडेवेक ने कहा, ‘भारत को राफेल एयरक्राफ्ट के जरिए नई क्षमता मिलेगी, जो अब तक उसके पास नहीं थी। मीटिअर और स्काल्प मिसाइलें भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित होंगी।’ फ्रेंच कंपनी दसॉ एविएशन के साथ करार के तीन साल बाद मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह औपचारिक तौर पर पेरिस में भारत के लिए पहला राफेल जेट रिसीव करेंगे।  

मीटिअर एक्टिव रडार सीकर से है लैस

मीटिअर एडवांस एक्टिव रडार सीकर से लैस है। यह हर तरह के मौसम में वार करने में सक्षम है। तेज रफ्तार जेट से लेकर छोटे मानव रहित विमानों के साथ-साथ क्रूज मिसाइलों को भी निशाना बना सकती है। 

स्काल्प लंबी दूरी तक लक्ष्य भेदती है

स्काल्प करीब 300 किमी. तक मार करने वाली मिसाइल है। यह पहले से तय हमलों को नाकाम करने या फिर स्थिर लक्ष्यों को भेदने में दक्ष है। स्काल्प ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स और फ्रांसीसी वायुसेना का हिस्सा है। इसे खाड़ी युद्ध के दौरान भी इस्तेमाल किया गया था। यह सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऐक्शन को और आसानी से अंजाम दे सकती है 

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