भारत और पाकिस्तान में एक-दूसरे के राजनयिकों के कथित उत्पीड़न को लेकर तनातनी बढ़ती जा रही है। भारत ने पाकिस्तान द्वारा अपने उच्चायुक्त को सलाह के लिए वापस बुलाने के फैसले को ज्यादा तवज्जो न देते हुए इसे रूटीन मामला बताया है। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान को अपनी शिकायतें मीडिया के बदले राजनयिक माध्यम से भी उठाने की नसीहत देते हुए अपने राजनयिकों के सुरक्षा की गारंटी मांगी है। उधर, पाकिस्तान ने भी भारत में अपने राजनयिकों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
पाकिस्तान द्वारा अपने उच्चायुक्त सुहैल महमूद को वापस बुलाने संबंधी सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि राजनयिकों और उच्चायुक्त को बुलाना एक सामान्य प्रक्रिया है। भारत ने भी कई बार ऐसा किया है। इसमें परेशान करने या तंग करने जैसी कोई बात नहीं है। जहां तक पाकिस्तान के आरोपों की बात है तो उसे अपनी शिकायतें मीडिया की जगह राजनयिक माध्यम से उठानी चाहिए। भारत वियना समझौते को पूरी तरह से लागू करने वाला देश है।
प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई यह है कि इस्लामाबाद में हमारे राजनयिकों को परेशान किया जा रहा है। इसे पाकिस्तान के समक्ष उठाया गया है। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान नियमों के मुताबिक हमारे अधिकारियों को सुरक्षा और सुविधा उपलब्ध कराए। भारत इन मुद्दों को सार्वजनिक करने के बदले कूटनीतिक चैनल के माध्यम से उठाता है। पाकिस्तान को भी इसी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।
![राजनयिक वापस बुलाने पर भारत-पाक में तनातनी बढ़ी](http://www.livehalchal.com/wp-content/uploads/2018/03/AO.png)
प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई यह है कि इस्लामाबाद में हमारे राजनयिकों को परेशान किया जा रहा है। इसे पाकिस्तान के समक्ष उठाया गया है। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान नियमों के मुताबिक हमारे अधिकारियों को सुरक्षा और सुविधा उपलब्ध कराए। भारत इन मुद्दों को सार्वजनिक करने के बदले कूटनीतिक चैनल के माध्यम से उठाता है। पाकिस्तान को भी इसी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।