नई दिल्ली : आज पूरे देश ने 68वां गणतंत्र दिवस मनाया. देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र समारोह हर्षोल्लास से मनाया गया. पहले प्रधानमंत्री मोदी अमर जवान ज्योति पहुंचे और उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद पीएम, राष्ट्रपति के साथ मुख्य अतिथि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद भी राजपथ पहुंचे राष्ट्रगान के साथ राष्ट्रपति ने तिरंगे को सलामी दी और समारोह शुरू हुआ.
सर्वप्रथम राष्ट्रपति ने हवलदार हंगपन दादा को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया. हंगपन दादा की पत्नी ने यह सम्मान ग्रहण किया. इधर राजपथ का नजारा देखने लायक था. एक ओर जहाँ सुखाेई-30 विमानों ने त्रिशूल की आकृति बनाकर दर्शकों को रोमांचित किया, वहीं 5 मिग-29 विमानों,जगुआर विमानों,स्वेदश निर्मित तीन तेजस विमान ने 300 मीटर की ऊंचाई पर 780 किमी की रफ्तार से उड़ान भरकर पूरे देश को गौरवान्वित किया. फ्लाई पास्ट की शुरुआत, तीन अटैक हेलीकॉप्टर के साथ 240 प्रति किमी की रफ्तार से हुई. इसके पहले पंद्रह मोटरसाइकिलों पर 60 जवान सवार होकर चकित करने वाले पिरामिड बनाकर सबको हैरत में डाल दिया. कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस का मोटरसाइकिल सवार दस्ते ने हैरअंगेज कारनामों से चकित कर दिया.
दूसरे दृश्य में राजपथ पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुतियां पेश की गई. पीतमपुरा दिल्ली के छात्रों का तिरंगा नृत्य,माउंट आबू पब्लिक स्कूल, दिल्ली के छात्रों ने असम का टोकड़ी लोक नृत्य ने समां बांध दिया. स्कूली बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा देखते ही बनती थी. फूलों से सजी कारों में गुजरते हुए बहादुरी पुरस्कार प्राप्त बहादुर बच्चों ने राजपथ पर सबका ध्यान आकर्षित किया. इसके बाद विभिन्न विभागों के अलावा राज्यों की झांकियों ने सबका मन मोह लिया. 17 राज्यों की झांकियां शामिल हुई जिसने देश की एकता और विविधता के दर्शन कराए. जिसमें असम की झांकी में वहां के प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर का मॉडल, जम्मू-कश्मीर की झांकी में बर्फबारी, त्रिपुरा की झांकी में होजगिरी नृत्य, गोवा की झांकी में पुर्तगाली असर वाले नृत्य, हरियाणा की झांकी में बेटियों के साथ समानता के व्यवहार का संदेश, हिमाचल प्रदेश की झांकी में कसीदाकारी और महाराष्ट्र की झांकी लोकमान्य तिलक पर केंद्रित थी. इसके पूर्व राष्ट्रपति भवन से राजपथ सलामी मंच के ऊपर से हेलीकॉप्टरों के दस्ते ने अपने जलवे बिखेरे. 32 साल में पहली बार NSG के कमांडोज ने राजपथ पर परेड में हिस्सा लिया. 61 कैवेलरी के अश्वरोहियों का दस्ता, टी-90 टैंक का मैकेनाइज्ड, इन्फैंट्री कॉम्बैक्ट व्हीकल के दस्तो रासायनिक जैविक विकिरण नाभिकीय अतिरक्षण स्वदेश निर्मित वाहन, स्वेदश में ही निर्मित धनुष तोप ने ध्यान खींचा. नौसेना का ब्रास बैंड रतीय वायुसेना के मार्चिंग दस्ते ने राजपथ पर अपने शौर्य का प्रदर्शन किया. अंत में राष्ट्रगान के साथ समारोह संपन्न हुआ.