रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप में समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को सीबीआई की विशेष अदालत ने 4 साल की सजा सुनाई है. जया जेटली ने इस आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को फिलहाल स्थगित कर दिया है. कोर्ट ने जया जेटली की अपील को स्वीकार कर लिया है.
सीबीआई ने इस मामले में सुनवाई के दौरान ही कोर्ट द्वारा जारी किए गए नोटिस को स्वीकार कर लिया. जया जेटली की अब इस अपील पर नियमित सुनवाई बाद में होगी. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जया जेटली को आज शाम 5 बजे तक तिहाड़ जेल प्रशासन के सामने सरेंडर करने का वक्त दिया था. लेकिन हाई कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को स्थगित कर दिया, जिसके कारण जया जेटली जेल जाने से बच गईं.
CBI की विशेष अदालत के जज वीरेंदर भट ने जया जेटली, उनकी ही पार्टी के पूर्व सहयोगी गोपाल पचेरवाल और रिटायर्ड मेजर जनरल एसपी मुरगई को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया था.
बुधवार को सजा पर बहस पूरी होने के बाद निचली अदालत ने आज अपना फैसला सुनाया. किसी भी आपराधिक मामले में अगर किसी दोषी को 3 साल से ऊपर की सजा होती है तो उसे तुरंत जेल भेज दिया जाता है. 3 साल से कम की सजा में निचली अदालत के सामने दोषी जमानत की अर्जी लगाता है जिसे कोर्ट स्वीकार या अस्वीकार कर सकता है.
दरअसल मामला, साल 2000-01 का है. एक निजी मीडिया हाउस ने एक खुफिया ‘ऑपरेशन वेस्ट एंड’ स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार को दिखाया गया था. स्टिंग में रक्षा मंत्रालय से जुड़े कई बड़े अफसरों और नेताओं को घूसखोरी करते दिखाया गया था.
इस मामले में CBI ने 4 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. जया जेटली, मेजर जनरल एसपी मुरगई, गोपाल पचेरवाल और सुरेंद्र कुमार सुरेखा इस मामले में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए थे. 2000-01 में जया जेटली, मुरगई, सुरेंद्र कुमार सुरेखा और पचेरवाल ने आपराधिक साजिश रची और एक काल्पनिक कंपनी वेस्टेंड इंटरनेशनल लंदन के एक्जीक्यूटिव मैथ्यू सैमुअल से 2 लाख रुपये की रिश्वत ली गई.