दुनियाभर में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच छठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। यह पहली बार है, जब दुनियाभर में कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो रहा है और लोग घरों में बैठकर योग कर रहे हैं।
इस दौरान पतंजलि में बाबा राम देव ने मुस्लिम धर्म के साधकों को भी योग का अभ्यास करवाया। इसके अलावा गंगोत्री मंदिर परिसर में तीर्थ पुरोहित ने भी योगाभ्यास किया।
ऋषिकेश परमार्थ आश्रम के समीप गंगा तट पर योगाभ्यास करता ऋषि कुमार। वहीं, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कनखल स्थित हरिहर आश्रम में योग करते जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज।
योग दिवस के मौके पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा जो हमें जोड़े और दूरियों को खत्म करे, वही योग है। पीएम मोदी ने कहा- योग एक स्वस्थ ग्रह के लिए हमारी खोज को बढ़ाता है।
यह एकता के लिए एक शक्ति के रूप में उभरा है और मानवता के बंधनों को गहरा करता है। यह भेदभाव नहीं करता है, यह जाति, रंग, लिंग, विश्वास और वंश से परे है। विश्व आज #CoronavirusPandemic के कारण योग की आवश्यकता को और अधिक महसूस कर रहा है। यदि हमारी प्रतिरक्षा मजबूत है, तो यह बीमारी से लड़ने में मदद करता है।
उन्होंने कहा कि योग अभ्यास हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाता है और मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है। स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह कहते थे, ‘एक आदर्श व्यक्ति वो है, जो नितांत निर्जन में भी क्रियाशील रहता है और अत्यधिक गतिशीलता में भी सम्पूर्ण शांति का अनुभव करता है।’
पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कई श्लोकों का भी सहारा लिया।उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने योग की व्याख्या करते हुए कहा है, ‘योगः कर्मसु कौशलम्’ (कर्म की कुशलता ही योग है)। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के बीच दुनिया भर के लोगों ने माई लाइफ- माई योग वीडियो ब्लॉगिंग में हिस्सा लिया। यह दिखाता है कि दुनियाभर में योग के प्रति उत्साह कितना बढ़ रहा है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- योग एक ऐसा माध्यम है, जो शरीर और मन, क्रिया और विचार और मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। योग के प्रयासों की वजह से योग को वैश्विक स्वीकृति मिली है, जो संपूर्ण मानवता के लिए भारतीय संस्कृति का एक अनमोल उपहार है।