लखनऊ| उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी सरकार बनने के बाद पहली बार यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पहुंचे| दोनों के बीच पिछले 16 साल से लंबित पड़े परिसंपत्तियों के पूर्ण बंटवारे के मुद्दे को सुलझने की उम्मीद जगी है। दोनों राज्यों के बीच लगभग एक दर्जन विभागों में परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर विवाद है और पिछले सोलह सालों में दोनों राज्य एक राय नहीं बना पाए
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यदि दोनों नेताओं के बीच सहमति बनी तो उत्तराखंड को करीब 4200 करोड़ रुपए की संपत्ति मिल सकती है। इसमें परिवहन, नहरें सहित कई गेस्ट हाउस भी शामिल हैं। इस मीटिंग में मामले के सॉल्यूशन पर विचार करने के लिए दोनों राज्यों के सीएम के साथ अफसर भी मौजूद हैं।
बैठक में ये मुद्दे पर हो सकती है चर्चा
- सिंचाई विभाग: उत्तर प्रदेश के कब्जे में 266 आवास, दो गेस्ट हाउस, 36 सिंचाई की नहरें, 214 हेक्टेयर भूमि हैं.
- ग्राम्य विकास: उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद पर उत्तराखंड सरकार की ओर से निर्बल आवास योजनाओं के अंतर्गत ऋण समाधान और ऋण देनदारी।
- पंचायती राज: उत्तर प्रदेश रिवाल्विंग फंड में उत्तराखंड के 13 जिलों की जिला पंचायतों की जमा धनराशि पर अर्जित ब्याज।
- औद्योगिक विकास: उत्तर प्रदेश पर अनुबंध के मुताबिक बकाया ब्याज की 15 करोड़ से अधिक धनराशि।
- गृह विभाग: पिथौरागढ़ में 140 नाली भूमि।
- तराई बीच एवं तराई विकास परिषद: 8.80 करोड़ रुपए की धनराशि।
- परिवहन निगम: लखनऊ जिला मुख्यालय और दिल्ली स्थित राज्य अतिथि गृह की परिसंपत्ति का बंटवारा।
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