उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार अब एक और नया कानून बनाने जा रही है. योगी सरकार अब बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा के लिए नया कानून बनाने की तैयारी में है. इस कानून के तहत उत्तर प्रदेश में अगर बुजुर्ग माता पिता की सेवा उनके बच्चों ने नहीं की तो अब वे संपत्ति के उत्तराधिकारी नहीं हो सकेंगे. राज्य विधि आयोग ने बुजुर्ग नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 की नियमावली में बदलाव करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है.
राज्य विधि आयोग की ओर से सरकार को सौंपे गए इस प्रस्ताव के तहत अगर कोई बुजुर्ग अपने वारिस की शिकायत करता है तो उसकी ओर से दी गई संपत्ति का बैनामा या दानपत्र निरस्त हो जाएगा. राज्य विधि आयोग ने इस बारे में अपने सुझाव राज्य सरकार को सौंप दिए हैं. विधि आयोग का कहना है कि अगर कोई बुजुर्ग यह शिकायत करता है कि उसका वारिस या उसकी संपत्ति पर काबिज संबंधित व्यक्ति उसकी सेवा नहीं कर रहा है तो उसको दी गई संपत्ति अब वापस ली जा सकेगी.
इस कानून के अस्तित्व में आने के बाद अब इस तरह की शिकायतों पर जिला प्रशासन की ओर से भी कार्रवाई की जा सकेगी. इस कानून में जिला प्रशासन को भी यह अधिकार होगा कि वो बुजुर्गों की शिकायत पर उनकी सहायता के लिए तत्काल कदम उठा सकेंगे. अभी तक की व्यवस्था में इस तरह की स्थिति में बुजुर्ग को कोर्ट की शरण लेनी पड़ती थी. जिला प्रशासन को कार्रवाई का अधिकार नहीं था.
जानकारी के मुताबिक इस एक्ट में बुजुर्गों को जीवन और संपत्ति का संरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया जाना है. इससे असहाय और बुजुर्ग व्यक्ति अपनी संपत्ति पर काबिज रिश्तेदारों को जीवित रहते बेदखल कर सकेंगे. गौरतलब है कि यूपी में बुजुर्गों के उत्पीड़न के मामले सामने आते रहे हैं. बच्चों की ओर से बुजुर्ग माता-पिता की उपेक्षा, उन्हें घर से बाहर निकाल दिए जाने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए ही यूपी सरकार ने इसके लिए कानून बनाने का निर्णय लिया है, जिससे बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
