उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य पुलिस में बड़े बदालव किए हैं। अब यूपी पुलिस में जांच (विवेचना) के लिए अलग और कानून-व्यवस्था देखने के लिए अलग इकाई होगी। माना जा रहा है कि इस फैसले से पुलिस अपने काम को और प्रभावी ढंग से कर पाएगी। इसकी मांग दो दशक पुरानी है। जांच इकाई के गठन से पुलिस के काम में तेजी आएगी और जल्द से जल्द मामलों का निपटारा हो सकेगा।

शुक्रवार को लिए गए फैसले के मुताबिक, प्रदेश के पुलिस कमिश्नरेट एवं जनपदों के समस्त पुलिस थाने में एक विवेचना इकाई का गठन किया जाएगा। विवेचना इकाई का प्रभारी थाने में नियुक्त निरीक्षक अपराध होगा। यह इकाई साल में 40 विवेचनाएं करेगी। इस इकाई में नियुक्ति की अवधि न्यूनतम दो बर्ष की होगी। इसके साथ ही इस इकाई में नियुक्ति के पहले या बाद ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
विवेचना इकाई का काम
विवेचना इकाई के ‘निरीक्षक अपराध’ इन कामों को देखेंगे..
– 50 लाख से अधिक के आर्थिक धोखाधड़ी के अपराध
– जाली मुद्रा के अपराध
– आईटी एक्ट के अपराध
विवेचना इकाई की टाम द्वारा किए जाने वाले काम
-इंडिनय पैनल कोड के अंतर्गत धारा 406, 407, 408, 409, 420, 424, एवं 465, 467, 468, 471 और 472 के तहत दर्ज मामले
– पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत दर्ज प्रकरण
– राष्ट्र के विरुद्ध दर्ज किए गए प्रकरण
– एनडीपीएस अधिनियम के उन अपराधों की विवेचना जिनमें बरामगदी व्यवसायिक मात्रा की श्रेणी में हो
-विस्फोटक पदार्थ अधिनियम
-संगठित शराब तस्करी, संगठित हथियार तस्करी संबंधित प्रकरण
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