सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था में सुधार के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के दावों पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने पूछा कि कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ तो राजधानी में धारा 144 लागू क्यों की गई?

‘उनकी सरकार’ धारा 144 के जरिए नागरिक स्वतंत्रता का हनन करने पर तुली है। यह सर्वोच्च न्यायालय और संविधान दोनों की अवहेलना है। राज्यपाल को इस पर प्रदेश सरकार से जवाब तलब करना चाहिए।
अखिलेश ने जारी किए गए बयान में कहा कि भाजपा विरोधाभासों में अपनी सरकार के दिन काट रही है। उसके पास विकास या भविष्य की कोई दृष्टि नहीं है। राज्यपाल को प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधरी नजर आती है। हकीकत यह है कि सरकार बिना धारा 144 के एक कदम नहीं चल पा रही है।
यह सब तब हो रहा है जब पिछले दिनों ही सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है कि अनावश्यक तौर पर धारा 144 लागू करना नागरिक स्वतंत्रता पर प्रहार करना है। विरोधी सुरों को बेमियादी समय तक दबाने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता है।
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