योगी के शहर में चलेगी इंडोनेशि‍या जैसी 'लाइट मेट्रो'

योगी के शहर में चलेगी इंडोनेशि‍या जैसी ‘लाइट मेट्रो’

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का गृह क्षेत्र गोरखपुर टियर 3 शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट समस्या के समाधान का एक मॉडल बन सकता है. इस शहर में ‘लाइट मेट्रो’ रेल सिस्टम चलाने के लिए एक विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार है. यह इंडोनेशि‍या से प्रेरित देश में अपनी तरह की पहली और अनूठी मेट्रो सेवा होगी.योगी के शहर में चलेगी इंडोनेशि‍या जैसी 'लाइट मेट्रो'

खुद सीएम योगी आदित्यनाथ इस प्रोजेक्ट में काफी रुचि ले रहे हैं. गोरखपुर के अलावा इलाहाबाद में भी लाइट मेट्रो सेवा शुरू हो सकती है. लाइट मेट्रो सेवा अभी इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में लागू की जा रही है. जकार्ता के लाइट मेट्रो रेल सिस्टम और चीन के इससे मिलते-जुलते कई प्रोजेक्ट्स के अध्ययन के बाद लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (LMRC) की एक टीम ने पतली और भीड़-भाड़ वाली सड़कों से भरे गोरखपुर के लिए एक व्यापक खाका तैयार किया है.

दो कॉरिडोर की हुई पहचान

लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर कुमार केशव ने मेल टुडे को बताया, ‘इस महीने के अंत तक राज्य सरकार को डीपीआर पेश कर दिया जाएगा. गोरखपुर के लिए हमने दो कॉरिडोर की पहचान की है-पहला 18 किमी लंबा और दूसरा 12 किमी लंबा. इनको दो चरणों में लागू किया जा सकता है. हम लागत को काफी कम रखना चाहते हैं, इसलिए हमने इस प्रोजेक्ट के लिए कई किफायती समाधान का अध्ययन किया है.’

छोटे होंगे स्टेशन

कुमार ने कहा, ‘योजना यह है कि स्टेशनों को काफी छोटा रखा जाए, सिर्फ दो कार लेन जैसी जगह में, और इनके लिए जरूरी इमारतें भी पतली हों. इससे लागत कम होगी, क्योंकि कॉन्क्रीट और अन्य मटेरियल की जरूरत कम होगी. इसके अलावा ट्रेन के डिब्बे भी बाकी मेट्रो सेवाओं की तुलना में हल्के होंगे. उदाहरण के लिए दिल्ली मेट्रो रेल के डिब्बे में 18 टन एक्सल ट्रेन लोड होता है, जबकि लाइट मेट्रो रेल में 12 टन से भी कम एक्सल ट्रेन लोड होगा. छोटे मेट्रो ट्रेन की खूबी यह होती है कि यह कम जगह में भी आसानी से मुड़ जाती है.’ 

श्रीधरन से ली सलाह

केशव ने कहा, ‘गोरखपुर पूर्वी यूपी का एक महत्वपूर्ण शहर है और जब तक यह प्रोजेक्ट पूरा होगा, शहर की जनसंख्या भी बढ़ जाएगी. इसलिए शहर के लिए एक मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम तो जरूरी होगा, लेकिन जरूरी नहीं कि यह बड़े शहरों जैसी मेट्रो सेवा हो. हमने जकार्ता और चीन जैसे कई शहरों के लाइट मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की स्टडी की है. गोरखपुर इस मामले में बाकी देश के लिए मॉडल बन सकता है. इस मामले में मेट्रो मैन ई. श्रीधरन से भी सलाह ली गई है.’ 

जनता के लिए किफायती

केशव ने बताया, ‘छोटे शहरों के लिए ऐसी रेल सेवा के कई फायदे हैं. इसमें यात्रा की प्रति व्यक्ति प्रति किमी लागत किसी कार से चलने की लागत का 5 फीसदी ही होता है. इसलिए यह जनता के लिए काफी किफायती हो सकता है.’

गौरतलब है कि यूपी देश में सबसे ज्यादा मेट्रो सेवाएं शुरू करने वाला प्रदेश बन गया है. राज्य के लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा में मेट्रो सेवाएं चल रही हैं, जबकि कानपुर, गोरखपुर, मेरठ, आगरा, इलाहाबाद और ग्रेटर नोएडा में मेट्रो परियोजनाएं विभिन्न चरणों में हैं.

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