जीवन में विभिन्न प्रकार की गृहबाधाओं के निदान, सुख, सम्पदा प्राप्ति, अकाल मृत्यु निवारण व आत्मिक शांति के लिए सायंकाल गोधूलि बेला को छोड़कर आराधकों को मंगलवार या शनिवार से भगवान श्रीराम व हनुमानजी का ध्यान करते हुए निम्न मंत्र का 21 बार जाप करना चाहिए-
भर्जनं भव बीजानाम
अर्जनं सुख सम्पदाम्।
तर्जनं यम दूतानाम् राम रामेति गर्जनम्।
आपदाम् प हरतारं दातारं सुख सम्पदाम्।
लोकाभिरामं श्रीरामम्
भूयो भूयो नमाम्यहम्।।
मंगलवार या शनिवार को हनुमानजी का ध्यान व जप कम से कम 40 दिन तक घी का अखंड दीप जलाकर करना चाहिए।
साधना से पांच दिन पूर्व तक न शराब पीएं और न ही मांस खाएं। हो सके तो प्याज व लहसुन से भी परहेज करें। साधक को स्वप्न में बंदर, लाल वस्त्र, लंगूर व काले नाग का दिखना उनकी मनोकामना की सफलता का द्योतक है।