ये है देश का सबसे अनोखा गांव, जहां हर घर की छत पर खड़े मिलेगा ‘हवाईजहाज’

ये है देश का सबसे अनोखा गांव, जहां हर घर की छत पर खड़े मिलेगा ‘हवाईजहाज’

जालंधर: पानी को स्टोर करने के लिए बनाया जाने वाली टंकी क्या किसी के लिए स्टेटस सिंबल हो सकती है? जी हां। हो सकते हैं। आज हम आपको देश के एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां छत के ऊपर बनने वाली पानी की टैंक स्टेट सिंबल बन चुकी है। इस गांव के लगभग सभी घरों और उसमें रहने वाले लोगों की हैसियत का अंदाजा पानी की टैंकों को देखकर लगाया जाता है। अगर किसी ने बहुत मजबुत और बड़ी टंकी बना रखी है तो इसका असर अन्य ग्रामीणों पर भी पड़ता है और वो उससे प्रभावित होते हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं पंजाब राज्य के जालंधर में एक गांव की, जहां हर घर की छत पर हवाईजहाज खड़े मिलेगा।ये है देश का सबसे अनोखा गांव, जहां हर घर की छत पर खड़े मिलेगा ‘हवाईजहाज’

हर घर की छत पर हवाईजहाज खड़े मिलेगा

पंजाब के जालंधर में एक गांव है जिसका नाम लांबडा है। यह गांव काफी दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है। इसकी वजह ये है कि गांव के हर घर की छत पर हर घर की छत पर हवाईजहाज खड़े मिलेंगे। इस गांव का सबसे पहला घर एक एनआरआई का है, जिसके घर पर भी ऐसा जहाज खड़ा है। न केवल जालंधर जिले में, बल्कि नूरमहल तहसील के उप्पला गांव में, कपूरथला, होशियारपुर और दोआबा के कई गांवों में ऐसे कई हवाई जहाज, शिप, कंगारु, प्रेशर कुकर आदि बनाये गए हैं।

क्यों हैं हर घर की छत पर हवाईजहाज खड़े

दरअसल, ये जहाज वाटर टैंक के डिजाइन हैं, जिसे कुछ लोगों ने शौक तो कुछ लोगों ने अपनी हैसियत दिखाने के लिए बनवाया है। इसके अलावा, अगर किसी घर की छत पर आर्मी का टैंक है तो उसके घर का कोई न कोई आर्मी में है। छत पर प्लेन है तो उस घर में कोई एनआरआई रहता है।

यहां के रहने वाले तारसेम सिंह 70 साल पहले हांगकांग गए थे। उन्होंने शिप से यात्रा की और अपने बेटों के साथ अपने अनुभव बताते हुए, उन्होंने छत पर एक शिप बनाने का फैसला किया। 1995 के बाद से यह शिप उनके पारिवारिक इतिहास का हिस्सा बन गया और लोग इस शिप द्वारा उनके घर की पहचान करते हैं।

पारिवारिक इतिहास बन गए हैं ये हवाईजहाज

यहां हर घर की छत पर हवाईजहाज खड़े मिलेंगे। पानी के टैंक पर माई भागो की प्रतिमा यहां महिला सशक्तिकरण को दर्शाती है। माई भागो (जिसे माता भाग कौर भी कहा जाता है) एक सिख महिला थी जिन्होंने साल 1705 में मुगलों के खिलाफ सिख सैनिकों का नेतृत्व किया था। उन्होंने युद्ध के मैदान पर कई दुश्मन सैनिकों को मार डाला और इसलिए उन्हें सिखों का संत माना जाता है।

जब इस शेर कि प्रतिमा को पानी की टैंक पर बनाया गया था, तो ग्रामीणों ने इउसकी बहुत आलोचना की थी। असल में 82 वर्षीय गुरुदेव सिंह ने अपनी प्रतिमा शेर पर बैठी हुई बनाई। इसपर ग्रामीणों ने तर्क दिया कि केवल देवी माता शेर पर बैठ सकती हैं। जल्दबाजी में गुरुदेव की प्रतिमा को हटा दिया गया था लेकिन शेर पानी की टंकी पर अभी भी है। यह गांव वाकई में देश का सबसे अनोखा गांव है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com