कट्टरपंथी प्रचारक डॉ. जाकिर नाईक और उनकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के कारनामों के काला चिट्ठा तैयार हो चुका है। मुंबई पुलिस ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जाकिर नाईक और उनकी संस्था के संदर्भ में 71 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में जाकिर नाईक पर दो समुदायों के बीच धार्मिक उन्माद फैलाने के साथ ही कुख्यात आतंकी संगठनों के साथ उनके संबंधों का जिक्र किया गया है।
आईएस से है जाकिर नाईक का संबंध,सीएम को सौंपी रिपोर्ट
पुलिस ने मुख्यमंत्री को सौंपी अपनी रिपोर्ट में जाकिर नाईक से जुड़ी कई नई जानकारियों का जिक्र किया है। जाकिर के भाषण सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और कट्टरता फैलाने वाले हैं। जाकिर नाईक का जमात उल दावा से संबंध, ट्रेन धमाके के आरोपी फिरोज देशमुख से संबंध, हैदराबाद आतंकी गतिविधि में गिरफ्तार युवाओं से संबंध, इंडियन मुजाहिदीन से संबंध होने का जिक्र किया गया है।
इसके अलावा कल्याण से इराक जाकर आईएस में शामिल होकर वापस लौटे माजिद से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि जाकिर नाईक का आईएस से भी लिंक है।जाकिर के भाषणों को महाराष्ट्र में बैन करने और संस्था को मिल रहे विदेशी फंड की जांच करने की बात कही गई है।
जाकिर अपने भाषणों में अलग-अलग संदर्भ देकर आतंकवाद का समर्थन करते हैं। उनके ऑडियो-वीडियो से साफ है कि वे इस्लाम धर्म को सबसे महान मानते हैं। आईआरएस के जनसंपर्क अधिकारी अर्शीद कुरैशी और धर्म परिवर्तन कराने वाले रिजवान शेख का नाम भी शामिल है।
मुंबई पुुलिस ने अर्शीद और कल्याण निवासी रिजवान सहित चार लोगों पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने और आतंकी संगठन आईएस में भर्ती कराने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अब जल्द ही क्राइम ब्रांच अर्शीद और रिजवान को कस्टडी में लेगी।
इन दोनो पर 21 युवकों को आईएसआईएस में भर्ती करवाने का आरोप है। इन आरोपियों ने यह कबूल किया है कि युवकों का धर्म परिवर्तन कर आईएसआईएस में भर्ती कराने के लिए जाकिर नाईक की संस्था आईआरएफ से आर्थिक मदद दी जाती थी। इससे तय है कि अर्शीद और रिजवान की कस्टडी में कई और राज खुलेंगे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि मुंबई पुलिस आयुक्त दत्तात्रय फडसलगीकर ने उन्हें रिपोर्ट सौंपी है। इसका अध्ययन किया जा रहा है। इस रिपोर्ट में नाईक और उनकी संस्था के बारे में अनेक गैरकानूनी चीजें सामने आई हैं जो देश विरोधी हैं।
उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट में इसका भी जिक्र किया गया है कि उनकी पीस टीवी को कई देशों में क्यों बैन किया गया है। कुछ बातें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की हैं इसलिए इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी यह रिपोर्ट भेजी जाएगी। उसके बाद जाकिर नाईक और उनकी संस्था आईआरएफ पर आगे की कार्रवाई होगी।
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