देश में निकट भविष्य में निर्माण और जमीन जायदाद के विकास, संगठित खुदरा, सौंदर्य एवं स्वास्थ्य, परिवहन और लॉजिस्टिक क्षेत्र में सर्वाधिक रोजगार सृजित करने की क्षमता है. एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. ‘एसोचैम-थॉट आर्ब्रिटेज रिसर्च इंस्टीट्यूट पेपर’ की रिपोर्ट के मुताबिक देश की सूचना प्रौद्योगिकी तथा आईटी युक्त सेवा क्षेत्र अगले पांच साल में 10 लाख रोजगार सृजित हो सकते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘फिलहाल दबाव झेल रहे आईटी और आईटी संबद्ध क्षेत्र में रोजगार सृजन में वृद्धि की रफ्तार कम होने की संभावना पहले से ही थी. वर्ष 2013 में इस क्षेत्र में रोजगार आधार 33 लाख था और 2022 तक इसमें 22 लाख और लोगों की जरूरत होगी. इसमें से करीब 10 लाख पिछले तीन-चार साल में जोड़े जा चुके हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) तथा आईटी संबद्ध क्षेत्र प्रौद्योगिकी उन्नयन, आटोमेशन, अमेरिका में वीजा प्रतिबंध तथा बढ़ता कौशल अंतर जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है.
एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, ‘‘इस प्रकार, देश को साल में कम-से-कम 1.5 से 2 करोड़ रोजगार की जरूरत है. हमें इसे व्यापक रूप से और ऐसे क्षेत्रों में देखने की जरूरत है जिसका विस्तार न केवल निर्यात बाजार में बल्कि देश के अंदर भी हुआ है.’’ रोजगार के बारे में जानकारी देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2013 में निर्माण और रीयल एस्टेट (बुनियादी ढांचा समेत) क्षेत्र में 4.54 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ था, इस क्षेत्र में अगले पांच साल में 3.11 करोड़ अतिरिक्त लोगों की जरूरत होगी. इसी प्रकार संगठित खुदरा क्षेत्र अगले पांच साल में कम-से-कम 1.0 से 1.2 करोड़ नये रोजगार सृजित हो सकते हैं. इसके अलावा परिधान और कपड़ा क्षेत्र में भी रोजगार सृजन की संभावना है.