ये माला पहनने से मौत नहीं आती निकट, स्वयं हनुमान जी करते है रक्षा…

गले में माला पहनने का आध्यात्मिक महत्व है। अगर आप विशेष रत्न आदि की माना धारण करते हैं तो आपको उसके अनुसार मन, मस्तिष्क, चर्म, अस्थि, रक्त प्रवाह, वात संस्थान और संवेगों के जुड़ा लाभ हासिल होते हैं। ये बात तो हम सभी जानते हैं कि रुद्राक्ष की माला से लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश, राम, कृष्ण, शिव, विष्णु, दत्त तथा नवग्रह आदि की साधना की जाये तो मन वांछित फल प्राप्त होता है। उसी तरह एक और माला है जिसे धारण करने से मृत्यु मनुष्य से दूर ही रहती है। यह माला भगवान भी धारण करते थे। हम बात कर रहे हैं मृत्यु से बचने के लिए हनुमान कवच धारण करने की।

मंगवार के दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से वो जल्द ही प्रसन्न होते हैं। इसी दिन अगर आप हनुमान जी से कुछ विशेष फल प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं तो उनकी पूरे विधि विधान से आराधना करें। आपको आपका मनचाहा फल अवश्य मिलता है। कहा जाता है कि सदियों बाद भी हनुमान जी जीवित हैं। माता सीता के वरदान के कारण हनुमान जी आज भी पृथ्वी पर मौजूद हैं। वो अपने भक्तों और समस्त मानव जाति की रक्षा और कल्याण के लिए पृथ्वी पर मौजूद हैं।

हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि वो अपने भक्तो के दुःख दूर करते हैं। हनुमान जी कृपा से कोई भी व्यक्ति किसी से भी नहीं डरता। अगर किसी के ऊपर उनका आशीर्वाद हो तो कोई पूरी आत्मा यहां तक की मृत्यु भी मनुष्य से दूर रहती है। मृत्यु से बचना है तो इसके लिए आपको आज हम एक ऐसे रक्षा कवच के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें स्वंय हनुमान जी का वास होता है। इस रक्षा कवच में साक्षात् हनुमान जी वास करते हैं और इसकी आराधना करने से आपके सारे कष्ट दूर होते हैं।

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क्या है रक्षा कवच

मृत्यु से बचने के लिए हनुमान कवच धारण करें। इस रक्षा कवच को गले में धारण करने से किसी भी मनुष्य की रक्षा मृत्यु से हो सकती है। यह रक्षा कवच व्यक्ति की मृत्यु से रक्षा कर उसे अमरत्व प्रदान करता है जिससे उसका शत्रु भी उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकता। ऐसी मान्यता है कि इस रक्षा कवच को धारण करने से धारण करने वाले व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है। हनुमान जी के इस रक्षा कवच को धारण करते थे और इसकी विशेषताएं पुराणों में भी वर्णित हैं।

कहा जाता है कि भगवान श्री राम ने रावण का वध करने के लिए इसी रक्षा कवच की मदद ली थी। इसलिए ऐसा माना जाता है कि श्री राम प्रभु के सबसे बड़े सेवक हनुमान जी जो आज भी किसी स्थान पर जीवित अवस्था में विराजमान हैं। उनके कवच के पाठ से मरता हुआ प्राणी जी उठता है। इस कवच की आराधना से समस्त रोग दु:ख आदि दूर हो जाते हैं। आपको बता दें कि त्रेता युग में महाबली रावण से युद्ध करते समय स्वयं भगवान राम ने भी हनुमान कवच का पाठ किया था और रावण को युद्ध में हराया था।

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