अमेरिकी हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद पूरे मध्य पूर्व में जंग के बादल मंडरा रहे हैं. ईरान ने बदले की कार्रवाई करते हुए दो अमेरिकी ठिकानों पर रॉकेट दागे, तो उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईरान में 52 ठिकाने उनके निशाने पर हैं जिन्हें वे बर्बाद कर सकते हैं. जंग की इस तनातनी के बीच यूरोपीय संघ ने अमन और शांति बहाली की अपील की है. यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बॉरेल ने शनिवार को तनाव घटाने पर जोर दिया और दोनों देशों से शांति बहाली की अपील की.
ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ से ब्रसेल्स में मुलाकात के बाद जोसेफ बॉरेल ने ट्वीट किया, ताजा घटनाक्रम पर ईरानी विदेश मंत्री जे. जरीफ से बात की. आगे मामला गंभीर न हो, इसलिए बातचीत में तनाव घटाने पर जोर दिया गया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद ड्रोन हमले में ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई.
ट्रंप का दावा है कि सुलेमानी अमेरिकी राजदूतों और बगदाद में तैनात 5200 अमेरिकी फौज पर हमले कराने की फिराक में थे. बॉरेल ने यह भी कहा कि जरीफ से एटमी संधि को बनाए रखने की अपील की गई है जो ईरान और यूएन सुरक्षा परिषद के देशों के बीच हुई है. सुरक्षा परिषद में ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस, अमेरिका और जर्मनी जैसे देश हैं.
इस संधि को जेसीपीओए के नाम से भी जाना जाता है. इसमें तेहरान को एटमी हथियार प्राप्त करने से रोकने के लिए प्रतिबंधों से राहत देने की पेशकश की गई है. 2015 में इसे आगे बढ़ाया गया था लेकिन 2018 में डोनाल्ड ट्रंप ने इसे खत्म करने का आदेश दिया. ट्रंप ने इस संधि को रोक कर ईरान पर और भी कई प्रतिबंध लगा दिए.
यूरोपीय संघ के जोसेफ बॉरेल ने जेसीपीओए को बनाए रखने की अपील की ताकि वैश्किक सुरक्षा को बनाए रखा जा सके. बता दें, सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान ने अमेरिका पर हमले का प्रण लिया है और वहां के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खोमैनी ने अमेरिका का अंजाम भुगतने की धमकी दी है.
उधर, चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने अमेरिका को सैन्य शक्ति के गलत इस्तेमाल पर नियंत्रण रखने की सलाह दी है. वांग यी ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से फोन पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘सैन्य दुस्साहस’ किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकता.
बता दें, कमांडर कासिम सुलेमानी समेत 8 लोगों की मौत के बाद इस कई देशों ने वक्तव्य जारी कर अलग-अलग पक्षों से संयम से काम लेने का आग्रह किया है, ताकि स्थिति न बिगड़े. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने अलग-अलग तौर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैय्यप अर्दोगन के साथ फोन पर मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर बात की. तीनों नेताओं ने मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर चिंता जताई और दोनों पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की.
ब्रिटेन के विदेश दूत डोमिनिक राब ने अपील में कहा कि सुलेमानी की मौत के बाद पनपी स्थिति को संभालने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संघर्ष हमारे हित के अनुरूप नहीं है. सीरिया के विदेश मंत्रालय ने वक्तव्य जारी कर इराक और ईरान से संवेदना जताई और अमेरिका की निंदा की. वक्तव्य में कहा गया है कि इराक की अस्थिरता का कारण अमेरिका है. इसके साथ साथ कतर और लेबनान के विदेश मंत्रालय ने भी वक्तव्य जारी कर विभिन्न पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की, ताकि मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति न बिगड़े.