आने वाले समय में सौर ऊर्जा वैकल्पिक बिजली का बड़ा सोर्स बनने जा रही है। यूपी में सौर ऊर्जा का गढ़ बनाने की तैयारी चल रही है। बुंदेलखंड सोलर एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 1500 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
सौर ऊर्जा सेक्टर में यूपी ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनने को तैयार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 1500 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण) को दी गई है। अधिग्रहण की शुरुआत यूपीडा ने कर दी है। 550 मेगावाट बिजली उत्पादन वाले इस मेगा प्रोजेक्ट से एक लाख घरों को बिजली मिलेगी। इसके अतिरिक्त सौर ऊर्जा उपकरण कंपनी एल्पैक्स सोलर मथुरा में 642 करोड़ से सोलर सेल मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगा रही है।
सौर ऊर्जा नीति के तहत यूपी सरकार ने वर्ष 2027 तक 22000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। सोलर पार्क के लिए करीब 12 कंपनियों ने निवेश की इच्छा जताई है। इसे ‘बिल्ड, ओन एंड ऑपरेट’ (बीओओ) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। सौर ऊर्जा को लेकर प्रदेश में कई बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
इन्हीं परियोजनाओं में सोलर एक्सप्रेसवे के अलावा सोलर पार्क भी शामिल हैं। सोलर पार्क की जमीन चित्रकूट से इटावा के बीच 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ कैरिजवे और सर्विस रोड के बीच स्थित है। इस पर 2500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे कैबिनेट स्वीकृति मिल चुकी है।
प्रदेश में विकसित हो रहे नौ सोलर पार्क
इसके अतिरिक्त प्रदेश में नौ सोलर पार्कों को विकसित किया जा रहा है। इनकी कुल सौर उत्पादन क्षमता 3710 मेगावाट है। इनमें से 435 मेगावाट के तीन सोलर पार्क तैयार होने की दिशा में हैं, जबकि शेष छह सोलर पार्कों को जल्द कमीशंड किए जाने के लिए बिड की प्रक्रिया जारी है। इन सभी नौ सोलर पार्कों के लिए जमीन आवंटन हो चुका है। जालौन, झांसी, ललितपुर और चित्रकूट के अतिरिक्त कानपुर नगर, कानपुर देहात, मिर्जापुर और प्रयागराज जैसे शहरों में सोलर पार्क बनाए गए हैं।
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