उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नवनिर्वाचित सदस्यों ने शुक्रवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। विधान परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों को कार्यकारी सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने विधान भवन के तिलक हॉल में उच्च सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के सभी दस सदस्यों ने शपथ ली, लेकिन समाजवादी पार्टी के सदस्य राजेन्द्र चौधरी शपथ लेने नहीं पहुंचे। हाल ही में विधान परिषद में 12 सदस्य नवनिर्वाचित हुए हैं, जिनमें कुंवर मानवेंद्र सिंह समेत भाजपा के 10 और सपा के दो सदस्य शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों में भाजपा की तरफ से सबसे पहले उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, लक्ष्मण आचार्य, महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ला, अश्विनी त्यागी, सुरेंद्र चौधरी, धर्मवीर प्रजापति, अरविंद कुमार शर्मा ने शुक्रवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस दौरान सपा के सदस्य व राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी के अलावा भाजपा के सलिल विश्नोई शपथ लेने नहीं पहुंचे। हालांकि बाद में भाजपा के सलिल विश्नोई को सभापति कक्ष में शपथ दिलाई गई।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में कुंवर मानवेंद्र सिंह दूसरी बार प्रोटेम सभापति नियुक्त हुए हैं। इससे पहले वह छह मई, 2002 से दो अगस्त 2004 तक प्रोटेम सभापति रह चुके हैं। प्रोटेम सभापति के तौर पर उन्होंने विधान परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। इसकी शुरुआत उन्होंने सपा के नवनिर्वाचित सदस्य अहमद हसन को रविवार को ही अपने कार्यालय कक्ष में शपथ दिलाकर की थी। अहमद हसन को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी नियुक्त कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश की 100 सदस्यीय विधान परिषद में मौजूदा संख्या बल 98 है, जिसमें सपा के 51 सदस्य हो गए हैं। सदस्यों की संख्या के आधार पर सपा का ही बहुमत है। ऐसे में सपा अहमद हसन के लिए सभापति पद की दावेदारी करना चाह रही थी, लेकिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भाजपा के कुंवर मानवेंद्र सिंह को विधान परिषद का प्रोटेम सभापति नियुक्त कर दिया। विधान परिषद में बहुमत वाली सपा ने कुंवर मानवेंद्र सिंह को प्रोटेम सभापति नियुक्त किये जाने पर एतराज जताया है। 18 फरवरी से शुरू होने वाले विधानमंडल के बजट सत्र में इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार होना तय है।