उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन बिल के विरोध के दौरान भड़की हिंसा पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ”लखनऊ की हिंसा भाजपा सरकार की देन हैं. अगर सरकार प्रदर्शनकारियों की बात सुनती तो शायद ऐसा नहीं होता. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती तो शांतिपूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन हो जाता.
अखिलेश ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम योगी सदन कह रहे हैं की ”ठोको”. उनकी भाषा की वजह से 15 लोगों की मौत हुई है. पुलिस पर सवालिया निशान लगाते हुए इखिलेश ने कहा कि पुलिस सरकार के इशारे पर कर रही है.
अखिलेश ने कहा कि संविधान से छेड़खानी की कोशिश हो रही है. दुनिया में देश की छवि बिगड़ रही है. उन्होंने कहा कि जामिया और एएमयू के बाद हर जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. अखिलेश ने इस कानून के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया.
अखिलेश ने महिला सुरक्षा का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि आज माताएं-बहनें सुरक्षित नहीं हैं. अपराध बढ़ता ही जा रहा है. नौजवान रोजगार के लिए भटक रहे हैं.
अखिलेश ने हाल ही में योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था, ”राज्य सरकार पक्षपाती CAA को लेकर जनता में विश्वास पैदा करने के बजाये ‘बदला लेने’ जैसी अलोकतांत्रिक भाषा का प्रयोग कर रही है, जिसकी वजह से आज कई जगह हालात बिगड़े हैं. ठोकतंत्र की सोच वालों को जनता अब और नहीं सहेगी.
आज देश क़ौमी एकता के लिए एक साथ खड़ा है.
जय हिंद!
एक दूसरे ट्वीट में अखिलेश ने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया था. उन्होंने लिखा था, आज के सत्ताधारी ये न भूलें कि जब जनता एक साथ आगे बढ़ती है तो बड़े-से-बड़े दमनकारी को पीछे हटना पड़ता है. ये झुकेंगे भी और पीछे हटेंगे भी.”
देश की एकजुट जनता अपने संविधान के मूल मूल्यों की रक्षा का आंदोलन लड़ रही है.
बता दें कि यूपी के 22 जिलों में पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. हंगामे के साथ साथ पब्लिक प्रॉपर्टी को जमकर नुकसान पहुंचाया गया. उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बृहस्पतिवार से हिंसा में अब तक 15 लोग मारे जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि हिंसा की वारदात में 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से 57 को गोलियां लगी हैं. इस दौरान 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 4500 हिरासत में हैं.