बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि कांग्रेस व समाजवादी पार्टी के नेता उनके बयान की गलत व्याख्या कर भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। मैंने सपा को हराने के लिए सिर्फ भाजपा की नहीं किसी भी दल की मदद करने की बात कही थी।
उन्होंने कहा कि हमने यह फैसला सपा की दलित विरोधी मानसिकता को देखते हुए लिया। मायावती ने कहा कि जब-जब बसपा ने भाजपा का साथ दिया, भाजपा का नुकसान हुआ लेकिन जब-जब सपा सत्ता में आई भाजपा को लाभ हुआ। बसपा सरकार में उत्तर प्रदेश में एक भी हिंदू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ जबकि सपा व कांग्रेस राज ऐसी घटनाओं से भरा पड़ा है जिसमें जनता को जानमाल का काफी नुकसान उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि बसपा का भाजपा से कोई गठजोड़ नहीं है। बता दें कि राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी के नामांकन भरने के बाद बसपा के सात विधायक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने चले गए थे जिससे नाराज बसपा ने विधायकों को निलंबित कर दिया और सपा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया।
इस पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रकाश बजाज को समर्थन देकर उन्होंने भाजपा-बसपा की साठगांठ की पोल खोल दी। उन्होंने मायावती का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग भाजपा से मिले हुए हैं उनका पर्दाफाश जरूरी था। इसलिए सपा को राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश बजाज का समर्थन करना पड़ा जिससे जनता सच जान ले। वे इसमें कामयाब रहे।
अखिलेश यादव ने कहा कि सपा ने निर्दलीय प्रत्याशी बजाज का समर्थन कर जनता को यह सच बता दिया है कि बसपा, भाजपा की बी टीम की तरह काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का शुचिता से राजनीति करने का दावा खोखला है।