उत्तर प्रदेश सरकार गांवों में बिजली के साथ रोजगार पहुंचाएगी। इसके लिए यूपी पॉवर कारपोरेशन ने योजना तैयार की है। करीब 15 लाख से अधिक रोजगार सृजित किए जाएंगे। इसमें निर्माण, रखरखाव के अलावा बिलिंग- राजस्व वसूली जैसे कामों के जरिए युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।
पॉवर कारपोरेशन ने पिछले दिनों सात हजार से अधिक स्थायी और करीब 20 हजार से अधिक अस्थायी पदों पर नौकरियां दी हैं। चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद अब इसमें तेजी आएगी। विभाग अलग-अलग माध्यमों से अवर अभियंता से लेकर आफिस स्टाफ, कंप्यूटर आपरेटर, बिजली मरम्मत करने वाले गैंग के सदस्यों सहित अन्य पदों पर भर्ती करेगा। यूपी पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन आलोक कुमार कहते हैं कि स्थायी भर्तियों के अलावा बड़े स्तर पर संविदा-आउटसोर्सिंग के जरिए कर्मचारियों को लिया जाएगा। इससे बेहतर बिजली देने के साथ राजस्व वसूली और बिलिंग की स्थिति भी सुधरेगी।
उपकेंद्रों पर तैनाती- कई जिलों में उपकेंद्रों के रखरखाव की जिम्मेदारी पूरी तरह संविदा या आउटसोर्सिंग से भर्ती किए गए कर्मचारियों पर निर्भर है। कई उपकेंद्र में तो अवर अभियंता तक संविदा पर हैं। उपकेंद्रों की लगातार बढ़ती संख्या के चलते कर्मचारियों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी।
मरम्मत-रखरखाव- बिजली फाल्ट होने की स्थिति में उसे ठीक करने वाली गैंग में चार से पांच लोग होते हैं। इसमें प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित दोनों तरह के कर्मचारियों की नियुक्ति होती है। इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी।
बिलिंग- जनसेवा केंद्र- गांवों में सबसे अहम काम 100 फीसदी बिलिंग का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए बिलिंग एजेंसियों के जरिए भर्तियां होंगी। वहीं राजस्व वसूली के लिए भी गांव-गांव में काम दिया जाना है। जनसेवा केंद्र पर बिजली बिल जमा करने का काम प्रायोगिक तौर पर काफी सफल रहा है। पश्चिमांचल वितरण निगम के कई जिलों में यह काम बहुत अच्छे से चल रहा है। अब इनकी संख्या बढ़ाकर अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा।