उत्तर प्रदेश में ननों के साथ कथित बदसलूकी मामले में केरल के चर्च ने यूपी सरकार और केंद्र सरकार से इस केस की जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इससे पहले इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. उत्तर प्रदेश के झांसी में 19 मार्च को दो ननों और दो अन्य युवतियों को ट्रेन से उतारकर रेलवे पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. ये नन नई दिल्ली से ओडिशा के राउरकेला जा रहीं थी.
केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल के फादर जैकब जी पलक्पिल्ली ने कहा कि केरल के चर्च ने यूपी सरकार और केंद्र सरकार ने मामले की जांच करने की मांग की है. बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह ने केरल में एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा था, “मैं केरल के लोगों को यह आश्वासन देना चाहूंगा कि इस मामले के दोषियों को जल्द न्याय के शिकंजे में लाया जाएगा.”
नन के साथ कथित बदसलूकी मामले में झांसी के अधिकारियों ने कहा था कि बजरंग दल के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने शिकायत की थी कि दो महिलाओं को कथित तौर पर जबरन धर्म परिवर्तन के लिए ले जाया जा रहा है और इसके बाद इन नन को हिरासत में लिया गया था. पुलिस ने बताया कि शिकायत निराधार थी और पूछताछ के बाद चारों महिलाएं दूसरी ट्रेन पकड़कर ओडिशा के लिए रवाना हो गईं.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अमित शाह को घेरते हुए कहा कि केरल में चुनाव है इसलिए वे ननों की सुरक्षा को लेकर खोखले बयान दे रहे हैं. उन्होंने इस घटना का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए गुरुवार को लिखा, ‘‘कौन सा राजनीतिक दल ऐसी सरकार चलाता है जिसमें ये गुंडे ट्रेन में यात्रा कर रही महिलाओं की निजी जानकारी मांगते हैं और उन्हें परेशान करते हैं?… बीजेपी. ये गुंडे किस राजनीतिक दल से संबंधित हैं?… बीजेपी. इनमें से कुछ किस पार्टी की छात्र इकाई के सदस्य हैं?… बीजेपी.’’ उन्होंने आगे लिखा, ‘‘केरल में विधानसभा चुनाव है तो गृह मंत्री अमित शाह नन की सुरक्षा को लेकर खोखला बयान देने में व्यस्त हैं.’’
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी ननों से कथित बदसलूकी की घटना की निंदा करते हुए केंद्र से कार्रवाई करने की मांग की. विजयन ने कहा कि ऐसी घटनाओं से देश की छवि को नुकसान होता है. गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में विजयन ने कहा कि उन लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए जो संविधान द्वारा प्रदत्त व्यक्ति के अधिकारों की स्वतंत्रता का हनन करते हैं. उन्होंने कहा कि ईसाइयत की शिक्षा ले रही दो युवतियां, दो ननों के साथ पहली बार अपने घर जा रही थीं और इस दौरान कथित तौर पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया और धमकाया. विजयन ने कहा, “आप मुझसे सहमत होंगे कि ऐसी घटनाओं से देश की छवि धूमिल होती है और धार्मिक सहिष्णुता की प्राचीन परंपरा को नुकसान पहुंचता है.”