उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पुलिस में सिपाहियों की भर्ती करने जा रही है। 56,808 पद के लिए भर्ती प्रक्रिया एक नवंबर से शुरू होगी।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के साथ प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि प्रदेश में तीन चरण में होने वाली 56,808 सिपाहियों की भर्ती का अंतिम परिणाम जून 2019 के तीसरे हफ्ते में आ जाएगा। 56,808 पद में 51,216 सिपाही, 3668 जेल वार्डन और 1924 फायरमैन भर्ती होंगे। योगी आदित्यनाथ सरकार ने करीब एक लाख सिपाहियों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। इससे पहले भी इस वर्ष की शुरूआत से 41,250 सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रमुख सचिव ने कहा कि वर्तमान सरकार की प्राथमिकता बेहतर पुलिसिंग है। इसके लिए भर्ती, शस्त्र स्तर पर काम हो रहा है। संख्या बल बढाना प्राथमिकता है, इसलिए भर्ती जरूरी है। कम फोर्स की वजह से छुट्टी, ज्यादा काम, तनाव होता है। हमारे पास मैन पॉवर की कमी है। मैन पॉवर की कमी के चलते ट्रेनिंग भी नहीं हो पाती है। वर्तमान में हमारे पास 2.29 लाख पुलिस, पीएसी की उपलब्धता है। 32 हजार सिपाही ट्रेनिंग कर रहे हैं। 97 हजार सिपाहियों की कमी है, जिसे हम इन दो भर्तियों से पूरा कर लेंगे। प्रदेश में 37,000 पुलिसकर्मियों के प्रमोशन हुए। जिसमें कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर हैं। हम प्रमोशन के साथ भर्ती पर ध्यान दे रहे हैं। जेल वार्डन के 50 प्रतिशत तथा फायरमैन के 37 प्रतिशत पद खाली हैं।
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि प्रदेश में इस समय 42 प्रतिशत सिपाहियों की कमी है। फिलहाल अभी फोर्स को कम से कम 97,000 सिपाही की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जून व जुलाई तक हम पुलिस के कुल 97 हजार सिपाहियों की भर्ती हम पूरी कर लेंगे। डीजीपी ने कहा कि इस भर्ती में 25 से 30 लाख आवेदन आने की संभावना है। प्रदेश में इस समय 29 हजार सिपाही ट्रेनिंग कर रहे हैं। इनके साथ ही 3828 पीएसी के सिपाही ट्रेनिंग कर रहे हैं। प्रदेश में अभी भी सिर्फ छह हजार सिपाहियों की ट्रेनिंग की परमानेंट व्यवस्था है। इसके बाद के बाकी सिपाहियों की हम हम अन्य राज्यों में ट्रेनिंग करवायेंगे।