हाल ही में रामदेव ने इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप किंभो लॉन्च किया था जो तब से ही विवादों में है. गूगल प्ले स्टोर से इसे हटा लिया गया. हालांकि इसके बारे में योग गुरू ने कहा है कि प्ले स्टोर ने नहीं बल्कि पतंजली द्वारा ही हटाया गया है. साइबर एक्सपर्ट्स ने इसे कॉपी बताया और यूजर्स डेटा के लिए कम सिक्योर भी बताया है. अब इस पर रामदेव का बयान आया है.
योग गुरु रामदेव ने कहा है कि उनकी पतंजलि द्वारा तैयार किया गया चैटिंग ऐप किंभो वॉट्सऐप या दूसरे किसी भी चैट ऐप से किसी मायने में कम नहीं है बल्कि ये ज्यादा यूजर फ्रेंडली है क्योंकि इसमें वॉट्सऐप के मुकाबले ज्यादा फीचर्स हैं.
आज तक के खास कार्यक्रम सीधी बात में जब स्वेता सिंह ने किंभो को वॉट्सऐप का छोटा भाई बताया तो रामदेव ने कहा कि ये छोटा नहीं बल्कि बड़ा होगा. 25 करोड़ लोगों ने इसके बारे में सर्च किया. जो कि अपने आप में नई बात है. गूगल प्ले स्टोर ने इसे क्यों हटाया इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने इसे हटाया.
रामदेव ने कहा कि हमने अपने संगठन युवा भारती के 5-10 हजार लोगों के लिए इसका ट्रायल किया था. ये इतना वायरल हुआ कि करोड़ों हिट्स आ गए उस पर. मैंने कहा कि फिर से ट्रायल लेकर आएंगे. यह वॉट्सऐप का बाप बन सकता है. इसमें उससे अच्छे फीचर्स हैं.
रामदेव ने अपने सिमकार्ड के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि ये सिमकार्ड बीएसएलएल का है न कि पतंजलि का, बीएसएनएल स्वदेशी नेटवर्क है और पतंजलि भी स्वदेशी है.
इस ऐप और यूजर सिक्योरिटी को लेकर गंभीर सवाल
इलियट ऐल्डर्सन ने इस ऐप के बारे मे कुछ कहा है. ये वही शख्स हैं जिन्होंने आधार लीक के बारे में खुलासा करके देश भर को सकते में ला दिया है. ऐल्डर्सन का असल नाम कुछ और है और वो फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर हैं.
एक ट्वीट में इन्होंने कहा है, ‘किंभो ऐप दूसरे ऐप से कॉपी किया गया है. इस ऐप की जानकारी और स्क्रीशॉट भी दूसरे ऐप से कॉपी किए गए हैं’
उन्होंने यह भी कहा है कि पतांजली किंबो मैसेंजर भारत में लॉन्च हुआ है, लकिन क्या यूजर्स के प्राइवेट इनफॉर्मेशन सिक्योर हैं?
इलियट ऐल्डर्सन ने एक ट्वीट में यह तक कह दिया है कि वो किंभो एंड्रॉयड ऐप के सभी यूजर्स का मैसेज पढ़ सकते हैं. उन्होंने इस ऐप को सिक्योरिटी के लिए आपदा की तरह बताया है.