रमाकांत के मुताबिक उनके घर से 2 लाख रुपए नगद कैश, 1 किलोग्राम चांदी, 12 तोला सोना और एक लाइसेंसी पिस्टल चोरी हुई है। वहीं उनकी माता जी का ये भी कहना है कि जब चोरो से उन्होंने पूछा कि वो कौन हैं तो वो लोग वहां से एक बाॅक्स लेकर भाग गए जिसमें कीमती सामान रखा हुआ था। इतना ही नहीं उन्होने ये भी बताया कि चोरी की वारदात को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे कि चोरों को सबकुछ पता है कि कौन सा सामान कहां पर रखा है।

क्योंकि चोरों ने किसी और चीज को हाथ नहीं लगाया है। जिसके बाद सजीवन के बड़े बेटे दीपक दुबे ने अपने नजदीकी थाना रामपुरा में इस पूरे मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। इस पूरे मामले की जांच रामपुर थाना इंचार्ज सुनील कुमार तिवारी कर रहे हैं। लेकिन हैरान कर दने वाली बात ये है कि FIR दर्ज कराए हुए तकरीबन 20 दिन का समय बीत चुका है लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। सजीवन दुबे रुंधे गले और नम आखों से बोलते हैं कि उनकी जिंदगी की पूरी कमाई लुट गई लेकिन पुलिस अब तक लुटेरों को नहीं पकड़ पाई है। हलांकि पुलिस पीड़ित परिवार को अश्वासन दे रही है लेकिन जमीनी तौर पर कुछ भी होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। ये कोई पहली बार नहीं है जब यूपी पुलिस के काम करने के तरीकों पर सवाल उठे हों ऐसे मामले अक्सर आते रहते हैं जब ऐसे मामलों को लेकर यूपी पुलिस सुस्त दिखाई देती है।

बहराल, एक तरफ तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े वादे करती है तो वहीं दूसरी तरफ चोरों के होंसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। इस पूरे मामले को लेकर रामपुर पुलिस को चुस्ती दिखाने की जरुरत है जिससे चोरों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।