यूक्रेन-रूस और इस्राइल-हमास युद्ध से हथियारों की बिक्री बढ़ी

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल यूक्रेन और गाजा में हो रहा युद्ध तथा एशिया में तनाव के कारण हथियारों की तेजी से बिक्री हुई थी।

दुनिया में छिड़े दो बड़े युद्धों से हथियार बाजार में गरमा-गरमी है। कोरोना काल के बाद भड़के यूक्रेन-रूस युद्ध और पिछले साल अक्तूबर में इस्राइल-हमास युद्ध के बाद हथियारों का बाजार तैयार हो गया है। पिछले साल 632 अरब डॉलर के हथियारों और सैन्य सेवाओं की बिक्री हुई थी। यानी की 4.2 फीसदी अधिक। यह दावा स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) की एक रिपोर्ट में किया गया है।

पिछले साल 4.2 फीसदी की हुई ब्रिकी
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल यूक्रेन और गाजा में हो रहा युद्ध तथा एशिया में तनाव के कारण प्रमुख हथियार निर्माताओं की बिक्री में वृद्धि हुई थी, जबकि रूस और मध्य पूर्व में स्थित निर्माताओं के लिए उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी। एसआईपीआरआई का कहना है कि दुनिया की 100 सबसे बड़ी हथियार कंपनियों द्वारा हथियारों और सैन्य सेवाओं की बिक्री 2023 में कुल 632 अरब डॉलर थी, जो 4.2 प्रतिशत अधिक थी।

पहली बार एक अरब डॉलर की बिक्री की थी
आगे बताया गया कि 2022 में राजस्व में गिरावट आई थी क्योंकि वैश्विक हथियार निर्माताओं को मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ा था, लेकिन उनमें से कई पिछले साल उत्पादन बढ़ाने में कामयाब रहे। मांग में इस उछाल के संकेत में, सभी 100 कंपनियों ने पिछले साल पहली बार एक अरब डॉलर से अधिक की बिक्री हासिल की।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता लोरेंजो स्काराज्जातो ने कहा, ‘पिछले साल हथियारों के राजस्व में काफी वृद्धि हुई है। इस साल भी यह जारी रहने की संभावना है।’

आने वाले समय में हथियारों की ब्रिकी को..
उन्होंने कहा कि दुनिया की शीर्ष 100 हथियार कंपनियां अभी भी ब्रिकी की मांग को पूरा नहीं कर पा रही हैं। कई कंपनियों ने भर्ती करना शुरू कर दिया, जिससे साफ होता है कि वे आने वाले समय में हथियारों की ब्रिकी को लेकर आशावादी है। एसआईपीआरआई ने कहा कि गाजा और यूक्रेन में युद्धों, पूर्वी एशिया में बढ़ते तनाव और अन्य क्षेत्रों में पुनः शस्त्रीकरण कार्यक्रमों से जुड़ी मांग को पूरा करने में छोटे उत्पादक अधिक प्रभावी रहे हैं।

अमेरिका की कंपनियां उत्पादों में सबसे आगे
पिछले साल अक्तूबर में इस्राइल-हमास युद्ध ने भी हथियारों की खरीद की रेस को बढ़ाया है। इस्राइल के पास अपने बूते हथियारों का बड़ा जखीरा है, वहीं हमास के पक्ष में ईरान और खाड़ी के अन्य देशों ने अपने भंडारों को खोल दिया है। इन सबको ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका की कंपनियां उत्पादों में आगे हैं। दुनिया के शीर्ष 100 में 41 अमेरिकी हथियार उत्पादक हैं। उसने पिछले साल अपनी बिक्री में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और अभी भी दुनिया के आधे हथियार राजस्व के लिए जिम्मेदार हैं।

दूसरी ओर, दुनिया के दो सबसे बड़े हथियार निर्माता, लॉकहीड मार्टिन और आरटीएक्स (पूर्व में रेथियॉन टेक्नोलॉजीज) ने क्रमशः 1.6 प्रतिशत और 1.3 प्रतिशत की राजस्व में गिरावट दर्ज की।

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