आज देश में 5G की बात हो रही है, लेकिन भिंड जिले में ऐसा गांव भी है, जहां मोबाइल पर नो सिग्नल ही नजर आता है। मजबूरी में लोग कभी ऊंची छत तो कभी पेड़ पर चढ़कर बात करते हैं। मामला भांडेर ब्लॉक मुख्यालय से तीस किलोमीटर दूर भिटारी ग्राम पंचायत का है। यहां मोबाइल टॉवर न होने से ग्रामीण उपभोक्ता परेशान हैं। ADVERTISING inRead invented by Teads ढाई हजार की जनसंख्या वाली इस ग्राम पंचायत में आते ही मोबाइल से नेटवर्क गायब हो जाते है। यहां न तो आइडिया काम आता है, न एयरटेल, बीएसएनएल का नेटवर्क भी राम भरोसे है। समस्या को लेकर कई बार ग्रामीण संबंधित कंपनियों के कार्यलय जाकर शिकायत कर चुके है, लेकिन इसके बाद भी मोबाइल उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हो सका है। कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में पूछे सबसे ज्यादा सवाल यह भी पढ़ें किसी से फोन पर बात करना है तो उसके लिए उसे काफी मेहनत करनी पड़ती है। कहीं उसे मकान की छत पर तो कहीं पेड़ पर चढ़ना पड़ता है। इसके अलावा गांव के युवा कई बार पानी की टंकी पर चढ़कर बाते करते हैं। इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। नेटवर्क नहीं मिलने की ये है वजह वायरल से पीड़ित रोज 2 हजार मरीज आ रहे अस्पताल, पलंग का टोटा यह भी पढ़ें ग्राम पंचायत में मोबाइल के टॉवर न मिलने का मुख्य कारण है, कि गांव में किसी भी कंपनी का टॉवर नहीं लगा है। इसके अलावा ग्राम पंचायत की दूररी ब्लॉक मुख्यालय से काफी ज्यादा है। इसस नेटवर्क गांव तक नहीं पहुंच पाता है और इसी वजह से लोगों को अपनों से बात करने के लिए पेड़ों और छतों का सहारा लेना पड़ता है।

यहां मोबाइल पर मिलता है नो सिग्नल,पेड़ पर चढ़कर लोग करते है बात

आज देश में 5G की बात हो रही है, लेकिन भिंड जिले में ऐसा गांव भी है, जहां मोबाइल पर नो सिग्नल ही नजर आता है। मजबूरी में लोग कभी ऊंची छत तो कभी पेड़ पर चढ़कर बात करते हैं। मामला भांडेर ब्लॉक मुख्यालय से तीस किलोमीटर दूर भिटारी ग्राम पंचायत का है। यहां मोबाइल टॉवर न होने से ग्रामीण उपभोक्ता परेशान हैं।आज देश में 5G की बात हो रही है, लेकिन भिंड जिले में ऐसा गांव भी है, जहां मोबाइल पर नो सिग्नल ही नजर आता है। मजबूरी में लोग कभी ऊंची छत तो कभी पेड़ पर चढ़कर बात करते हैं। मामला भांडेर ब्लॉक मुख्यालय से तीस किलोमीटर दूर भिटारी ग्राम पंचायत का है। यहां मोबाइल टॉवर न होने से ग्रामीण उपभोक्ता परेशान हैं।  ADVERTISING   inRead invented by Teads ढाई हजार की जनसंख्या वाली इस ग्राम पंचायत में आते ही मोबाइल से नेटवर्क गायब हो जाते है। यहां न तो आइडिया काम आता है, न एयरटेल, बीएसएनएल का नेटवर्क भी राम भरोसे है। समस्या को लेकर कई बार ग्रामीण संबंधित कंपनियों के कार्यलय जाकर शिकायत कर चुके है, लेकिन इसके बाद भी मोबाइल उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हो सका है।   कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में पूछे सबसे ज्यादा सवाल यह भी पढ़ें  किसी से फोन पर बात करना है तो उसके लिए उसे काफी मेहनत करनी पड़ती है। कहीं उसे मकान की छत पर तो कहीं पेड़ पर चढ़ना पड़ता है। इसके अलावा गांव के युवा कई बार पानी की टंकी पर चढ़कर बाते करते हैं। इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।  नेटवर्क नहीं मिलने की ये है वजह   वायरल से पीड़ित रोज 2 हजार मरीज आ रहे अस्पताल, पलंग का टोटा यह भी पढ़ें  ग्राम पंचायत में मोबाइल के टॉवर न मिलने का मुख्य कारण है, कि गांव में किसी भी कंपनी का टॉवर नहीं लगा है। इसके अलावा ग्राम पंचायत की दूररी ब्लॉक मुख्यालय से काफी ज्यादा है। इसस नेटवर्क गांव तक नहीं पहुंच पाता है और इसी वजह से लोगों को अपनों से बात करने के लिए पेड़ों और छतों का सहारा लेना पड़ता है।

ढाई हजार की जनसंख्या वाली इस ग्राम पंचायत में आते ही मोबाइल से नेटवर्क गायब हो जाते है। यहां न तो आइडिया काम आता है, न एयरटेल, बीएसएनएल का नेटवर्क भी राम भरोसे है। समस्या को लेकर कई बार ग्रामीण संबंधित कंपनियों के कार्यलय जाकर शिकायत कर चुके है, लेकिन इसके बाद भी मोबाइल उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

किसी से फोन पर बात करना है तो उसके लिए उसे काफी मेहनत करनी पड़ती है। कहीं उसे मकान की छत पर तो कहीं पेड़ पर चढ़ना पड़ता है। इसके अलावा गांव के युवा कई बार पानी की टंकी पर चढ़कर बाते करते हैं। इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

नेटवर्क नहीं मिलने की ये है वजह

ग्राम पंचायत में मोबाइल के टॉवर न मिलने का मुख्य कारण है, कि गांव में किसी भी कंपनी का टॉवर नहीं लगा है। इसके अलावा ग्राम पंचायत की दूररी ब्लॉक मुख्यालय से काफी ज्यादा है। इसस नेटवर्क गांव तक नहीं पहुंच पाता है और इसी वजह से लोगों को अपनों से बात करने के लिए पेड़ों और छतों का सहारा लेना पड़ता है।

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