चंबा। आमतौर पर विवाह चार प्रकार के होते हैं। एकल विवाह, बहु पत्नी विवाह, बहु पति विवाह व समूह विवाह। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में आज भी बहु पति विवाह का चलन है। यहाँ की महिलाओं के एक से अधिक पति होते हैं। किन्नौर जिले में एक ऐसा स्थान भी है जहाँ पत्नी को पति के मरणोपरांत उसका वियोग सहने का मौका नहीं दिया जाता है।यहां की महिलाएं दिनभर मारती हैं गप्पे, और रातभर कई पतियों के साथ…!
पत्नी से सम्बन्ध बनाने से पहले खूंटी में टांग देते हैं टोपी
किन्नौर के इस क्षेत्र में एक ही स्त्री से एक ही परिवार के तीन चार भाई शादी करते हैं। यहाँ जब कोई भाई अपनी पत्नी के साथ सहवास कर रहा होता है तो वह कमरे के बाहर लगी खूंटे पर अपनी टोपी टांग जाता है ताकि अन्य भाइयों को यह पता चल जाए कि दूसरा भाई अभी पत्नी के साथ सम्भोग कर रहा है।
यदि यहाँ के लोगों की माने तो उनका कहा है कि यह प्रथा इसलिए चली आ रही है क्योंकि अज्ञातवास के दौरान पाँचों पांडवों ने यही समय बिताया था। सर्दी में बर्फबारी की वजह से यहाँ की महिलाएं और पुरुष घर में ही रहते हैं क्योंकि बर्फबारी की वजह से कोई काम नहीं रहता है। इन दिनों इन लोगों के पास बस मौज मस्ती में दिन व रात गुजारने होते हैं इसके अलावा और कोई काम नहीं होता है।
महिलाएं इस तरह गुजारती हैं दिन
महिलाएं सारा दिन पुरुषों के साथ गप्पें मारती हैं और पहेलियां बुझाती हैं। फिर रात वहीं गुजारती हैं। इस प्रथा को घोटुल प्रथा कहते हैं। घोटुल घरों में युवक-युवतियां आपस में शारीरिक संबंध भी कायम करते हैं।भारत देश पुरुष प्रधान देश माना जाता है लेकिन यहाँ पुरुष नहीं बल्कि महिलाएं घर की मुखिया होती हैं। इनका काम होता है पति व संतानों की सही ढंग से देखभाल करना। परिवार की सबसे बड़ी स्त्री को गोयने कहा जाता है, जिसके पास घर के भंडार की चाबियां रहती हैं। उसके सबसे बडे पति को गोर्तेस,कहते हैं यानी घर का स्वामी, जिसकी आज्ञा से पूरा परिवार चलता है।
यहाँ की एक और बात खास होती है वह यह कि यहाँ खाने के साथ शराब अनिवार्य होती है। यदि पुरुषों का मन दुखी होता है तो यह शराब और तम्बाकू का सेवन करते हैं वहीं जब महिलाओं को किसी बात को लेकर दुःख होता है तो वह गीत गाती हैं।