यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और अन्य से जुड़े 7 ठिकानों पर CBI का छापा

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और अन्य से जुड़े 7 ठिकानों पर मुंबई में छापेमारी की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक छापे राणा कपूर के ठिकानों, DHFL, RKW डेवेलपर्स और डोइट अर्बन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के परिसरों पर मारे गए. मुंबई में बांद्रा स्थित DHFL के दफ्तर पर भी छापेमारी की गई.

सीबीआई ने 7 मार्च को येस बैंक के तत्कालीन सीईओ राणा कपूर, डोइट अर्बन वेंचर्स (राणा कपूर से जुड़ी कंपनी), DHFL, कपिल वधावन (DHFL प्रमोटर) और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की.

इन पर आईपीसी की धारा 120 (B) (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7,12 और 13 के तहत केस दर्ज किया गया. सीबीआई के आर्थिक अपराध विंग (1) ने नई दिल्ली में FIR दर्ज कराई.

सीबीआई की FIR के मुताबिक, “राणा कपूर ने कपिल वधावन और अन्य के साथ मिलकर आपराधिक साज़िश रची, जिससे कि DHFL को येस बैंक लिमिटेड से वित्तीय सहायता दिलाई जा सके और बदले में खुद और अपने परिवार के सदस्यों को उनकी कंपनियों के जरिए अनुचित लाभ पहुंचाया जा सके.

अप्रैल से जून 2018 के बीच येस बैंक ने DHFL में शार्ट टर्म डिबेंचर्स के तौर पर 3700 करोड़ रुपए का निवेश किया. इसके साथ ही कपिल वधावन ने कर्ज के बहाने राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपए का भुगतान किया. DHFL ने ये पैसा कर्ज़ दिखा कर डोइट वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (राणा कपूर ग्रुप की कंपनी) को दिया.”

प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी इस मामले में संदिग्धों के बयान रिकॉर्ड करने हैं. जहां छापेमारी की जा रही है वहां पहले भी ये कार्रवाई की जा चुकी है. ED ने सीबीआई की एफआईआर का संज्ञान लिया है और राणा कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. सूत्रों ने बताया कि सीबीआई केस को लेकर वित्त मंत्रालय, भारतीय रिज़र्व बैंक और अन्य सरकारी एजेंसियों के लगातार संपर्क में है.

राणा कपूर को रविवार तड़के 3 बजे PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत हिरासत में लेने के बाद 11 मार्च तक ED की हिरासत में भेज दिया गया.

अधिकारियों के मुताबिक राणा कपूर के खिलाफ केस घोटालों से भरे DHFL (दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन) से जुड़ाव की वजह से दर्ज किया गया है.

येस बैंक की ओर से इस कंपनी को दिए गए कर्ज़ गैर निष्पादित परिसंपत्तियों यानि खराब कर्ज़ (NPA) में तब्दील हो चुके हैं. DHFL की ओर से राणा कपूर के परिवार सदस्य से कथित तौर पर जुड़ी कंपनी को दिया गया 600 करोड़ रुपए का कर्ज भी जांच एजेंसियों के रडार पर है.

केंद्रीय एजेंसी की ओर से येस बैंक के संस्थापक की ओर से कुछ कॉरपोरेट्स को दिए गए कर्ज में निभाई गई भूमिका की जांच की जा रही है. साथ ही राणा कपूर की पत्नी और बेटियों से जुड़ी कंपनियों को कथित तौर पर मिली घूस की भी जांच की जा रही है.

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