मौत को करीब देखकर दो घंटे तक दुबका रहा एक परिवार, सुबह के उजाले में भी बरकरार है खौफ

Elephant Panic: छत्तीसगढ़ में हाथियों का आतंक चरम पर है। जंगली हाथी यमदूत बनकर आबादी क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। दर्जनों लोगों को जंगली हाथी पटककर मार चुके हैं। जंगल और रास्ते में तो हाथी का खौफ है, अब घर में सो रहे वनवासी भी सुरक्षित नहीं हैं। आए दिन हाथी कच्चे मकानों को तहस-नहस कर रहे हैं। ऐसा ही एक वाक्या बीती रात हुई। गौतमी दल के हाथियों ने एक घर को चारों ओर से घेर लिया। घर में रखे हुए धान,चावल को खाया, बिखेरा और मिट्टी से बने घर की कच्ची दीवारों को ध्वस्त कर,अंदर घुस गए। सात हाथियों के घर में प्रवेश कर जाने से पांच सदस्यी एक परिवार करीबन दो घंटे तक दुबका रहा। श्यामदेव का परिवार रात के इस मंजर को याद कर दिन के उजाले में भी सिहर उठते हैं।

यह मामला है फरसाबहार तहसील के तुमला क्षेत्र के महुआडीह गांव का। यहां के श्यामदेव साय शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात अपने परिवार के साथ घर में गहरी नींद में सो रहे थे। इसी दौरान रात करीब एक बजे जंगल से निकल कर हाथियों का दल बस्ती में घुस आया।

श्यामदेव ने बताया कि दल में सात हाथी थे। हाथियों ने उसके घर को चारों ओर से घेर लिया। दीवार को तोड़ने लगे। दीवार में छेद करके सुंड को भीतर डालकर धान,चावल और डोरी की बोरियों को खाने लगे। हाथियों ने अनाज के बोरे को बाहर फेकना शुरू कर दिया । बाहर गिरे इन बोरियों के धान को दूसरे हाथी खा रहे थे।

घर के चारों ओर हाथियों के खड़े होने से श्यामदेव और उसके परिजनों को घर से बाहर निकलने का रास्ता ही नहीं दिख रहा था। जान बचाने के लिए पूरा परिवार पलंग के नीचे दुबके रहे। इस बीच हाथियों की चिंघाड़ और दीवार तोड़ने की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामवासी भी घर से बाहर निकल आए।

मशाल जलाकर हाथी को खदेड़ा

बस्ती के एक छोर में स्थित श्यामदेव के घर को हाथियों से घिरा हुआ देखकर ग्रामीणों के होश उड़ गए। मुसीबत में फंसे हुए श्यामदेव के परिवार की जान बचाने के लिए ग्रामीणों ने आनन फानन में मशाल जलाकर हल्ला करना शुरू किया। लेकिन अनाज खा रहे हाथी घर से हटने के लिए तैयार नहीं थे।

भारी मशक्कत के बाद हाथी एक ओर से हटकर जंगल की ओर गए। मौका देखकर घर के अंदर छुपे हुए श्यामदेव और उसका परिवार बाहर निकला और पड़ोसियों के घर में शरण लिया। इसके बाद हाथियों को बस्ती से बाहर निकालने के लिए महुआडीह के ग्रामीण पूरी रात मशक्कत करते रहे।

बताया गया है कि दो महीने तक तक ओडिसा के सुंदरगढ़ जिले के जंगलों में डेरा जमाए रहने के बाद हाल ही में यह दल वापस इस क्षेत्र में लौट आया है। खेत और खलिहान से धान के खत्म हो जाने की वजह से इन दिनों हाथी, अनाज के लिए घरों को निशाना बना रहे हैं।

साथ ही ग्रामीणों द्वारा घर में एकत्र किए गए धान व महुआ की खुश्बू भी इन अतिकायों को आकर्षित कर रही है।

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