पाकिस्तानी सैनिकों को अमेरिका फिर से ट्रेनिंग देगा। ट्रंप प्रशासन ने पाक सैनिकों को अमेरिकी संस्थानों में प्रशिक्षण देने के कार्यक्रम को बहाल करने की स्वीकृति दे दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करीब दो वर्ष पहले इस कार्यक्रम पर रोक लगा दी थी। हालांकि पाकिस्तान को अमेरिका से मिलनी वाली दूसरी कई सुरक्षा मदद पर रोक अभी प्रभावी रहेगी।
दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों की कार्यकारी असिस्टेंट सेक्रेटरी एलिस सी वेल्स ने शुक्रवार को ट्वीट के जरिये बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान के लिए इंटरनेशनल मिलेट्री एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (आइएमईटी) प्रोग्राम को मंजूरी दी है। वेल्स ने कहा, ‘इससे हमारे साझा प्राथमिकताओं के तहत दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग मजबूत होगा।’
यह जानकारी ऐसे समय सामने आई, जब ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से फोन पर बात की थी। ट्रंप प्रशासन ने अगस्त 2018 में पाकिस्तान के लिए आइएमईटी प्रोग्राम पर रोक लगा दी थी। इस प्रोग्राम के तहत पिछले करीब दो दशक से पाकिस्तानी सैनिकों को अमेरिकी संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जा रहा था।
आइएमईटी पर रोक लगने के कुछ समय बाद ही पाकिस्तान ने रूस के साथ इसी तरह का एक समझौता किया था। इस समझौते के तहत पाकिस्तानी सैनिकों को रूसी रक्षा केंद्रों में प्रशिक्षिण दिया जाएगा।
गौरतलब है कि एक ओर अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की बात करता है और पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने के लिए फटकार लगाता है तो दूसरी ओर आड़े हाथों से वह पाकिस्तान की मदद करने से भी पीछे नहीं हटता है। हालांकि, उसे पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से खतरा भी महसूस होता है। अभी कल ही अमेरिकी विमानन नियामक फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपने यहां की एयरलाइनों को पाकिस्तानी हवाई सीमा का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश दिए हैं।