आम चुनाव से पहले आज होने वाली कैबिनेट की अंतिम बैठक में मोदी सरकार अहम फैसलों के जरिए विपक्ष पर सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी में है। इसमें अनुच्छेद 35 ए को समाप्त करने का फैसला भी शामिल है, जिस पर वरिष्ठ मंत्रियों के बीच गंभीर मंत्रणा जारी है।
इसके अलावा किसान सम्मान योजना की दूसरी किस्त जारी करने पर भी मुहर लग सकती है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार पिछले तीन महीने से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35 ए को हटाने पर मंथन कर रही है।
इस बारे में कई दौर की बैठक हुई है। पुलवामा हमले के बाद किए गए एयर स्ट्राइक से हालांकि सरकार इस पर असमंजस में है। एक धड़े का मानना है कि पाकिस्तान से तनातनी के कारण एक बार फिर से कश्मीर मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना है।
ऐसे में फिलहाल 35 ए को निरस्त करने के फैसले से बचा जाना चाहिए। हालांकि दूसरा धड़ा इस अनुच्छेद को निरस्त करने का पक्षधर है। कैबिनेट की बैठक में किसान सम्मान योजना की दूसरी किस्त जारी करने पर सहमति है।
खुद पीएम इसकी पहली किस्त 24 फरवरी को जारी कर चुके हैं। इस योजना के तहत किसानों को हर चौथे महीने दो हजार रुपये की नकद राशि मिलनी है। सरकार के रणनीतिकारों का मानना है कि दूसरी किस्त जारी होने से इस योजना की विश्वसनीयता पर उठाए जा रहे सवाल हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे। इससे नाराज चल रहे किसान वर्ग को साधने में सरकार को आसानी होगी।
क्या है अनुच्छेद 35
जम्मू-कश्मीर विधानसभा को नागरिकता की परिभाषा तय करने का अधिकार देने वाला यह अनुच्छेद 14 मई, 1954 में लागू किया गया। राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद इसे भारतीय संविधान में जोड़ दिया गया। यह अनुच्छेद दूसरे विवादित अनुच्छेद 370 का हिस्सा है।
यह अनुच्छेद राज्य में किसी दूसरे राज्य के व्यक्ति को संपत्ति खरीदने, नागरिक बनने का अधिकार नहीं देता। साथ राज्य की महिला के राज्य से बाहर शादी करने पर उसका पैत्रिक संपत्ति का अधिकार छिन जाता है।
क्यों हो रही है 35 ए को हटाने की मांग
-इसे हटाने के लिए पहली दलील यह है कि इसे संसद के जरिए लागू नहीं करवाया गया था।
-देश के विभाजन के वक्त बड़ी तादाद में पाकिस्तान से शरणार्थी भारत आए, इनमें लाखों शरणार्थी जम्मू कश्मीर में भी रह रहे हैं । जम्मू – कश्मीर सरकार ने अनुच्छेद 35ए के जरिए इन सभी भारतीय नागरिकों को जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासी प्रमाणपत्र से वंचित कर दिया, इन वंचितों में 80 फीसद लोग पिछड़े और दलित हिंदू समुदाय से हैं।
-जम्मू कश्मीर में विवाह कर बसने वाली महिलाओं और अन्य भारतीय नागरिकों के साथ भी जम्मू कश्मीर सरकार अनुच्छेद 35ए की आड़ लेकर भेदभाव करती है। सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में इस अनुच्छेद को लेकर कई याचिकाएं दाखिल हैं, जिन पर सुनवाई चल रही है। याचिकाओ में शिकायत की गई है कि अनुच्छेद 35ए के कारण संविधान प्रदत्त उनके मूल अधिकार जम्मू कश्मीर राज्य में छीन लिए गए हैं, लिहाजा राष्ट्रपति के आदेश से लागू इस प्रावधान को केंद्र सरकार फौरन रद्द करे।
87 विधान सभा सीटें जम्मू कश्मीर में
-37 जम्मू संभाग में
-46 कश्मीर संभाग में
-04 लेह-लद्दाख में
6 लोकसभा सीटें हैं जम्मू कश्मीर में
-जम्मू-पुंछ
-ऊधमपुर, कठुआ और डोडा
-बारामुला
-श्रीनगर
-अनंतनाग
-लद्दाख