मैं श्रीलंका की स्वतंत्रता को मजबूत करने की प्रतिज्ञा लेता हूं: राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह में देश में चरमपंथी संगठनों को सक्रिय नहीं होने देने की शपथ ली। इस बार श्रीलंका के राष्ट्रगान को वर्ष 2016 के बाद से पहली बार तमिल भाषा में नहीं गाया गया।

कोलंबो में 72 वें राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए गोतबाया राजपक्षे ने कहा कि वह श्रीलंका के सभी निवासियों के राष्ट्रपति हैं।

उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्र प्रेस और अभिव्यक्ति के अधिकार जैसी नागरिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करेंगे। गोतबाया राजपक्षे ने कहा कि हम देश में आतंकवाद फैलाने वाले चरमपंथी संगठनों को सक्रिय नहीं होने देंगे। इसी वजह से उत्तर और पूर्व में तीस साल के संघर्ष के कारण देश के विकास में देरी हुई है।

राजपक्षे ने कहा कि मैं लोगों की स्वतंत्रता को स्वतंत्र रूप से सोचने और लिखने के लिए पूरी तरह से मजबूत करना चाहता हूं। मेरी सरकार विरोधियों के विचारों को सहन करने और सामंजस्य स्थापित करने करने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका एक एकात्मक राज्य है।

एक स्वतंत्र, संप्रभु, स्वतंत्र, लोकतांत्रिक गणराज्य है। मैं आपकी स्वतंत्रता को मजबूत करने की प्रतिज्ञा लेता हूं। श्रीलंका के स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रगान केवल सिंहली भाषा में ही गाया गया।

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