पंजाब के युवा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने राज्य में खनन माफिया के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। उन्होंने खास साक्षात्कार में कहा कि पंजाब में या तो मैं मंत्री पद पर रहूंगा या खनन माफिया रहेगा। खनन को लेकर छह माह में मजबूत नीति बनेगी।
कहा- तीन महीने का समय देंगे, अगर ठेकेदार या कंपनियां नहीं मानेंगी तो सरकार अपना काम करेगी
बैंस मुख्यमंत्री भगवंत मान की कैबिनेट में सबसे कम उम्र (31 साल) के मंत्री हैं। मान ने बैंस को खनन, पर्यटन, सांस्कृतिक मामले, जेल, कानून और संसदीय कार्य मामलों का प्रभार सौंपा है। रेत खनन पिछले 10 से 15 साल से पंजाब में बड़ा मुद्दा बना हुआ है, जिसमें पूर्व मंत्रियों व पूर्व मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों तक पर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में नए खनन मंत्री के सामने क्या चुनौती है और वह उसे कैसे दूर करेंगे, इन मुद्दों को लेकर दैनिक जागरण के पंजाब ब्यूरो के विशेष संवाददाता जय सिंह छिब्बर ने उनके साथ बातचीत की। पेश है इसके प्रमुख अंश-
आपकी पार्टी की बंपर जीत हुई है। क्या लोगों ने अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान पर भरोसा किया या पारंपरिक पार्टियों के खिलाफ वोट किया?
– दोनों बातें हैं। लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया और अरविंद केजरीवाल पर भरोसा जताया। युवाओं का राजनीति से विश्वास उठ गया था। युवा केजरीवाल से राजनीति में बदलाव और सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। भगवंत मान और केजरीवाल की जोड़ी सोने पर सुहागा जैसी हो गई है। युवाओं और महिलाओं ने उनके पक्ष में सबसे अधिक मतदान किया है।
लोगों की उम्मीदें ज्यादा हैं। आप के पास ऐसा क्या है जिससे लोगों की समस्याओं का समाधान कर पाएंगे?
– स्थापित पार्टियों के नेता अपने परिवारों को एडजस्ट करने के बारे में ही सोचते रहे, लेकिन आम आदमी पार्टी पंजाब के बारे में सोचती है। मैं सुबह नौ बजे ऑफिस पहुंच जाता हूं। जब मुख्यमंत्री, पूरा विभाग और विधायक पंजाब के बारे में सोचेंगे तो सुधार होगा और पंजाब आगे बढ़ेगा।
राज्य में अवैध खनन एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। माइनिंग माफिया का बोलबाला है। आपके ही जिले रूपनगर में पहाड़ों को काटकर बड़े पैमाने पर खनन हो रहा है। इनसे कैसे निपटेंगे?
– अवैध खनन पर लगाम लगाने का काम शुरू हो गया है। अब मैं रहूंगा या खनन माफिया। नई खनन नीति पर काम शुरू हो गया है। मैं वर्तमान और पूर्व अधिकारियों, पत्रकारों, आरटीआइ कार्यकर्ताओं, भू-विज्ञान विशेषज्ञों से सलाह ले रहा हूं। अगले तीन-चार दिन में निश्चित तौर पर कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। छह माह में मजबूत खनन नीति भी बनेगी।
पिछली सरकार ने ऐसी नीति बनाई है कि आप चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते। इस स्थिति से कैसे निपटेंगे?
– हां, कैप्टन सरकार ने 2020 में जिन जिलों से रेत निकलती है, उन्हें सात कलस्टरों में बांट दिया है। कैप्टन सरकार ने खनन नीति में पांच बार संशोधन किए थे। हम भी संशोधन करने पर विचार कर रहे हैं। हमने मौजूदा ठेकेदारों व कंपनियों, जिनको रेत निकासी का काम आवंटित किया है, उनको कह दिया है कि वे अपनी व्यवस्था में सुधार कर लें और सरकार की नीति का पालन करें। इसके लिए उन्हें तीन महीने का समय देंगे। अगर ठेकेदार या कंपनियां नहीं मानेंगी तो सरकार अपना काम करेगी।
लेकिन ठेकेदारों के पास रेत निकालने के लिए 2023 तक का समय है। ऐसे में क्या किया जा सकता है?
– मार्च 2023 तक रेत निकालने के लिए खड्डें आवंटित की गई हैं। फिर भी हम नई तकनीक ला रहे हैं। प्रकृति ने पंजाब को पानी और रेत दी है। इसलिए किसी को भी अवैध खनन नहीं करने दिया जाएगा। हमारा उद्देश्य अवैध खनन रोकना और राजस्व को राजकोष में जमा करना है, ताकि पंजाब को एक समृद्ध राज्य बनाया जा सके। पिछली सरकारों ने विधायकों को खुश करने के लिए खनन की अनुमति दी थी।
लोग कब तक अवैध खनन बंद होने की उम्मीद करें?
– तीन-चार महीने में आपको कुछ बदलाव नजर आने लगेगा। हम जांच कर रहे हैं कि सरकारी तौर पर अलाट खड्डों से कितनी रेत निकल रही है और अवैध तौर पर कितनी। हम इसका अध्ययन कर रहे हैं। इसलिए तीन से छह महीने में नई खनन नीति आ जाएगी।
– अतीत में, एक ही बोली थी। क्या पुराने फार्मूले को लागू किया जा सकता है?
– सभी तकनीकों और विधियों पर काम किया जा रहा है। अच्छे परिणाम आएंगे।
आपके पास जेल विभाग भी है। क्या अब जेलों में अब मोबाइल फोन या प्रतिबंधित सामान नहीं मिलेगा?
– बिल्कुल। अब जेलों में मोबाइल फोन नहीं मिलेंगे और किसी को भी जेलों से धमकी नहीं मिलेगी। जेलों में गैंगस्टर पनप नहीं पाएंगे। हम अवैध सामान और मोबाइल के इस्तेमाल को रोकने के लिए हर तरह की तकनीक का इस्तेमाल करेंगे। कैदियों को उनके परिवारों से बात करने के लिए एक समाधान के साथ आएंगे।
– पर्यटन को कैसे बढ़ावा देंगे? आपके जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने की काफी संभावनाएं हैं।
– हम राज्य को टूरिज्म हब बनाएंगे। पर्यटकों को गांवों में रहने और गांव का जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सांस्कृतिक रूप से पंजाब पहले से ही समृद्ध है।