इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड को 2018 की पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पुनरीक्षित परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश एक सवाल का गलत विकल्प देने के कारण दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पब्लिक नोटिस जारी कर सफल अभ्यर्थियों का मेडिकल कराकर चयनित होने पर उन्हें खाली रह गए 603 पदों के विरुद्ध नियुक्ति दी जाए। यह कार्यवाही छह हफ्ते में पूरी की जाए।
कोर्ट ने साफ कहा है कि इस आदेश का लाभ हाईकोर्ट आए अभ्यर्थियों को ही मिलेगा। नियुक्त होने वाले वरिष्ठता श्रेणी में सबसे नीचे रखें जाएं और इन्हें नियुक्ति तिथि से ही वेतन पाने का हक होगा। इस कार्यवाही का पहले से चयनित नियुक्त कांस्टेबलों पर नहीं पड़ेगा। यह फैसला न्यायमूर्ति एमके गुप्ता, न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने कपिल कुमार व सात अन्य सहित पांच विशेष अपीलों को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने याचिका खारिज करने के एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया है।
याची चयनित हुए, दस्तावेज सत्यापन हुआ और शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए भेजा गया, लेकिन जब चयन सूची जारी की गई तो उनका नाम नदारद था। सभी को कट ऑफ अंक के लगभग समान अंक मिले थे। सवाल उठाया कि प्रश्न 68 का सही विकल्प सी था, जबकि उत्तर विकल्प डी दिया गया था। विशेषज्ञ रिपोर्ट में याचियों की आपत्ति सही पाई गई।
कोर्ट ने बोर्ड से पूछा तो बताया गया कि भर्ती के 603 पद खाली हैं, जिन्हें अगली भर्ती में कैरी फारवर्ड किया जाएगा। किंतु अभी तक नई भर्ती में कैरी फारवर्ड नहीं किया जा सका है।
कोर्ट ने सही जवाब देने वालों को निर्धारित अंक देकर लिखित परीक्षा का पुनरीक्षित परिणाम घोषित करने का आदेश दिया, जो-जो याची मेडिकल टेस्ट में सफल हो उन्हें खाली रह गये पदों पर नियुक्ति दी जाए।
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