मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने कितनी शांति से राम मंदिर के फैसले को स्वीकार किया: बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी

बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि मुसलमानों का एक बड़ा हिस्सा शांति प्रिय और हिन्दुओं का दोस्त है. उन्होंने शिया और सुन्नियों की तुलना करते हुए कहा कि शिया, बोहरा, खोजा और अहमदिया मुसलमानों की तुलना वहाबी सुन्नियों के साथ नहीं की जानी चाहिए. बीजेपी नेता ने कहा कि ये देखा जाना चाहिए कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने कितनी शांति से राम मंदिर के फैसले को स्वीकार किया.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि को रामलला विराजमान को देने का निर्णय सुनाया था. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने को कहा था.

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा, “हमलोग ‘मुस्लिम’ शब्द का इस्तेमाल अव्यवस्थित अर्थ में करते हैं, भारत में मुसलमानों का एक बड़ा हिस्सा शांति प्रिय और हिन्दुओं का दोस्त है.

इस तरह से शिया, बोहरा, खोजा, अहमदिया इत्यादि की तुलना वहाबी सुन्नी मुसलमानों के साथ नहीं की जानी चाहिए, देखिए उन्होंने कितनी शांति से राम मंदिर फैसले को स्वीकार किया है.” सुब्रह्मण्यम स्वामी देश धर्म और राजनीति के मुद्दे पर ट्विटर के जरिए अपने विचार व्यक्त करते रहते हैं.

बता दें कि शिया और सुन्नी दोनों ही इस्लाम को मानते हैं, दोनों समुदाय सैकड़ों सालों से एक साथ रहते आए हैं. दोनों की ज्यादातर धार्मिक आस्थाएं और रीति रिवाज एक जैसे हैं.

लेकिन कुछ मान्यताओं को लेकर दोनों के बीच टकराव है. इसके लेकर दोनों समुदाय के बीच हिंसा की खबरें भी आती हैं. भारत में शिया लखनऊ में, गुजरात-महाराष्ट्र में बोहरा मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं.

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