अलीगढ़ में जमीयत उलेमा हिंद संगठन और मौलानाओं ने उस फरमान का समर्थन करने का ऐलान किया है जिसमें मुस्लिम समुदाय की शादियों को तड़क-भड़क से दूर रखने की बात कही गई है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित अंजुमन इस्लामिया कमेटी, सदर ने हाल में अपने फरमान में कहा कि जहां डीजे, डांस, आतिशबाजी होगी या खड़े होकर खाने का इंतजाम होगा, वहां कोई काजी निकाह पढ़ाने नहीं जाएगा. कमेटी की ओर से इस फैसले को 1 मार्च, 2021 से अमल में लाए जाने का ऐलान किया गया है.
छतरपुर में अंजुमन इस्लामिया कमेटी सदर ने इस संबंध में मुस्लिम समाज के नाम पत्र भी जारी किया. कमेटी के फैसले के समर्थन के लिए अलीगढ़ में जमीयत उलेमा संगठन सामने आया है. मदरसा दारूल उलूम माजबिन जबल, मखदूम नगर में एक बैठक में जमीयत उलेमा हिंद के उपाध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद अकबर कासमी ने कहा कि अगर हमारे मौलाना और काजी ये पक्का कर लें कि वे ऐसी जगह नहीं जाएंगे जहां डीजे, नाच-गाने या बेपर्दगी हो, तो बहुत जल्द ही ऐसी चीजें रूक जाएंगी.
बैतुल मुकर्रम मस्जिद के शाही इमाम मौलाना जैनुल आब्दीन ने कहा कि वे खुद भी इस तरह के निकाह नहीं कराएंगे, जहां नाच-गाना, आतिशबाजी, बेपर्दगी या सुन्नत के खिलाफ कुछ हो रहा हो. उन्होंने कहा कि वे इसके लिए मुहिम भी चलाएंगे. बैठक में काजी मोहम्मद असलम, मुफ्ती शमीम, मौलाना अब्दुल मजीद, कारी अब्दुल कादिर, भी मौजूद रहे.
अलीगढ़ के मौलाना जल्द ही इस मसले पर एक बड़ी बैठक भी करने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के छतरपुर में अंजुमन इस्लामिया कमेटी सदर की ओर से इस फैसले का ऐलान करते हुए कहा गया था कि इसे 1 मार्च 2021 से लागू कराया जाएगा. साथ ही ये भी कहा गया था कि ये सिर्फ स्थानीय मुस्लिम समाज पर ही नहीं बल्कि जो समाज के बाहर से लोग भी यहां शादी के लिए आएंगे, उन्हें भी इसका पूरी तरह पालन करना होगा.
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