देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के बाद कई जगह विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. दिल्ली का शाहीन बाग इसका केंद्र बना हुआ है. कई नेता भी इस मुद्दे पर सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. अब पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा है कि देश में नागरिकता कानून के खिलाफ धरना-प्रदर्शन में मुस्लिम महिलाओं को शामिल होते देखना अच्छा लग रहा है.

लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शन में महिलाओं की भागीदारी की सराहना की है. समाचार एजेंसी के मुताबिक महाजन ने कहा, ‘चाहे दिल्ली हो या इंदौर, मुस्लिम महिलाओं का घरों से निकलकर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा. इससे उनमें जागरुकता बढ़ेगी और वे भविष्य में अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकेंगी. यह अच्छी बात है कि अब वे सड़कों पर उतरकर अपना विचार सामने रख रही हैं.’
सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘महिलाओं का किसी मुद्दे पर विचार रखना हमेशा अच्छा लगता है. अब बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे विरोध में बढ़चढ़ कर भाग ले रही हैं. हालांकि मुझे यह देखना होगा कि ये महिलाएं मुद्दे को सही से समझ रही हैं कि नहीं. ये मुस्लिम महिलाएं घरों से निकलकर जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे लगा रही हैं. मैं मुस्लिम समाज के लोगों को इसके लिए धन्यवाद देती हूं, क्योंकि इससे पहले महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती थीं.’
उन्होंने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि मुस्लिम महिलाओं का घर से निकलना देश के लिए भविष्य में अच्छा साबित हो. सुमित्रा महाजन ने कहा कि देश के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से मैं आग्रह करती हूं कि वे इन महिलाओं की भागीदारी को आगे भी सुनिश्चित करें. जब महाजन से पूछा गया कि सीएए के कारण कुछ मुस्लिम नेता भाजपा को क्यों छोड़ रहे है.
इस पर महाजन ने कहा कि मुस्लिम नेताओं को उन्हें अपने समाज के लोगों को कुछ चीजें समझाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि वे जल्द ही लोगों को समझाने में कामयाब होंगे कि सीएए से किसी भारतीय की नागरिकता नहीं जाएगी.
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में दो महीने से ज्यादा समय से लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें महिलाएं बढ़चढ़ कर भाग ले रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए आदेश जारी कर दिया है.
अदालत ने केंद्र-राज्य सरकार को ऑप्शन पर विचार करने को कहा है, साथ ही एक वार्ताकार भी नियुक्त किया है जो प्रदर्शनकारियों से सीधे तौर पर बात करेगा. सोमवार को अदालत इस मामले में सख्त भी हुआ जब उन्होंने प्रदर्शनकारियों से विरोध के नाम पर रास्ता ना बंद करने की नसीहत दी.
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