समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव राजधानी लखनऊ की सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहीं अपर्णा यादव ने सोमवार को अपना नामांकन किया.
नामांकन के दौरान अपर्णा ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा भी दिया. हलफनामे के अनुसार अपर्णा यादव के पास 23 करोड़ से भी ज्यादा की चल और अचल संपत्ति है. इसमें प्रतीक यादव की 5.23 करोड़ की लेम्बोर्गिनी कार भी शामिल है. चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में अपर्णा ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा देते हुए कहा है कि उनके पास 3.27 करोड़ की चल संपत्ति है वहीं 12.5 लाख की अचल संपत्ति है. उनके पति प्रतीक यादव के पास 20 करोड़ की संपत्ति है.
वहीं लखनऊ कैंट से बीजेपी की उम्मीदवार और मौजूदा विधायक रीता बहुगुणा जोशी के पास कुल चल और अचल संपत्ति 2.11 करोड़ रुपये हैं. हालांकि रीता बहुगुणा जोशी के संपत्ति में भी इजाफा हुआ है. 2014 के लोक सभा चुनावों में उनके द्वारा दाखिल हलफनामे में उनके पास कुल चल और अचल संपत्ति 1.92 करोड़ रुपये थी.
सोमवार को अपर्णा यादव के अलावा बसपा, बीजेपी समेत 73 अन्य उम्मीदवारों ने भी नामांकन किया.
उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े के बीच गठबंधन के बावजूद बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से बीजेपी को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है, वैसे में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला है. इसका कितना फायदा उसे इन चुनावों में मिलेगा वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा.
इस बार उत्तर प्रदेश चुनावों में समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के अलावा प्रदेश की कानून व्यवस्था, सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और विकास का मुद्दा प्रमुख रहने वाला है. जहां एक ओर बीजेपी और बसपा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश सरकार को घेर रही हैं, वहीँ विपक्ष नोटबंदी के फैसले को भी चुनावी मुद्दा बना रहा है.
यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं. 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. पिछले चुनावों में बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं.