कुछ दिनों पहले ही बिहार के हर गांव को ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ने के अभियान की शुरुआत हुई है। इससे बिहार के युवा घर बैठे ही देश और दुनिया में अच्छी पढ़ाई और बिजनेस के अवसरों से जुड़ पाएंगे। हमारी जीविका दीदीयों को भी इससे बहुत ज्यादा लाभ होगा।
एक समय था जब बिहार की पहचान बहुत सी नकारात्मक बातों से होने लगी थी। इस पहचान के जिम्मेदार कौन थे? मुझसे ज्यादा पहले के हालातों को बिहार से लोग जानते हैं। बिहार का बच्चा-बच्चा दुनिया में कहीं पर भी हो, इन बातों को भली-भांति जानता है। मुझे खुशी है कि आज बिहार की पहचान बदल रही है।
21वीं सदी में विकास के लिए आज दुनिया के बड़े-बड़े देशों में जिस कनेक्टिविटी पर बहुत जोर है वो है गैस ग्रिड कनेक्टिविटी जैसे- बिजली, पानी का ग्रिड। आज बिहार देश के उन कुछ राज्यों में है जहां गैस ग्रिड कनेक्टिविटी का बहुत ज्यादा विस्तार होने जा रहा है।
कोसी और सीमांचल सहित बिहार का एक बड़ा क्षेत्र पानी के कुप्रभाव और पानी के अभाव, दोनों प्रकार की चुनौतियों का सामना करता रहा है। बीते सालों में एनडीए सरकार ने प्रदूषित पानी के प्रभाव और साफ पानी के अभाव, दोनों को कम करने के लिए निरंतर काम किया है:
आज बिहार देश के उन कुछ राज्यों में जहां गैस ग्रिड कनेक्टिविटी का बहुत ज्यादा विस्तार होने जा रहा है। आज बिहार प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना का बहुत बड़ा लाभार्थी बन रहा है।
प्रॉपर्टी कार्ड मिलने से दो बहुत बड़े फायदे हैं। एक तो ये कि कोई उनकी जमीन और घर पर बुरी नजर नहीं डाल पाएगा और दूसरा ये कि वो प्रॉपर्टी कार्ड दिखाकर उसे बैंकों से कर्जा भी बहुत आसानी से मिल जाएगा। बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद इस योजना को यहां भी लागू किया जाएगा।
गांव-देहात के लोगों की एक और बड़ी दिक्कत रही है घर के मालिकाना हक, जमीन के मालिकाना हक को लेकर। इस परेशानी को दूर करने के लिए भारत सरकार ने एक योजना शुरू की है। इसका नाम है- स्वामित्व योजना। इस योजना के तहत गांव के लोगों को घर का, जमीन का प्रॉपर्टी कार्ड दिया जा रहा है।
गरीब की दिक्कतों को जो समझते हैं, वही गरीब के लिए काम करते हैं। गरीब-गरीब की माला जपते हुए मूर्ख बनाकर अपने महल बनाने वाले, अपने दूर के रिश्तेदारों तक के लिए महल बनाने वाले लोग, आपका दर्द नहीं समझ सकते।