हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद मचे सियासी घमासान पर अकाली संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने चुप्पी तोड़ते हुए इस्तीफे का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उन्हे गर्व है कि जब स्पष्ट लाइन खींची गई है तो शिरोमणि अकाली दल लाइन के सही तरफ खड़ा है।
पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल ने शनिवार को किसानों को बचाने के लिए शिअद द्वारा उठाए गए मजबूत और सैद्धांतिक कदम पर अपार संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि ‘मुझे खुशी और गर्व है कि मेरी पार्टी किसानों और समाज के अन्य शोषित वर्गों के लिए डटकर खड़ी हुई है। बादल ने एक बयान में कहा कि यह झंडा अकाली संस्कृति और आंदोलनों की पहचान का प्रतीक है और इसे ऊंची उड़ान भरते देखना बहुत अच्छा लग रहा है।
बादल ने कहा कि किसानों का मुद्दा राष्ट्रीय हितों से जुड़ा है। कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। यदि किसानों और कृषि अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है तो व्यापार और उद्योग सहित पूरी अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि अकालियों का पद के लालच को खारिज करने और सिद्धांतों के लिए खड़े होने का लंबा इतिहास रहा है।
पद का लालच कभी किसी अकाली को नहीं लुभाता है। अनगिनत बार, आपातकाल के दौरान भी हमने पद को त्याग दिया था तथा अन्याय के खिलाफ लड़े थे। हमने हमेशा ऐसे प्रस्तावों को ठुकराया है तथा देश और सिद्धांतों के साथ खड़े रहने का तरजीह दी और उसके लिए हमने जेलों को भरा है। हमारी यह परंपरा हमेशा जीवित रहेगी।
अकाली नेता ने कहा कि पंजाब के किसान हमेशा देश के बचाव में आए। उन्होंने कहा कि जब प्राकृतिक जल संसाधनों के लिए जल स्तर, भूमि की उपजता के लिए हमेशा बलिदान किया है। आज पार्टी देश के किसानों के साथ खड़ी है। बादल ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि शिरोमणि अकाली दल की उत्कृष्ट और गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी एकमात्र प्रतिनिधि हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के साथ ही शिरोमणि अकाली दल ने एक बार फिर यह दिखाया है कि इसके सिद्धांतों के साथ-साथ लोगों के हितों के साथ साथ किसानों, खेत मजदूरों और अन्य गरीब वर्गों के हितों के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। सरदार बादल ने कहा कि मैं इस फैसले के लिए अपनी पार्टी के प्रति कितना खुश और गौरवान्वित महसूस करता हूं यह व्यक्त करना शब्दों से परे है।
पार्टी ने एक पुल के रूप में कार्य करने की कोशिश की ताकि किसानों के हितों को पूरी तरह समाधान करने के लिए एक सौहार्दपूर्ण तरीका खोजा जा सके लेकिन मुझे खुशी है कि जब यह संभव नहीं लग रहा था, और एक लाइन खींची जानी थी तो अकाली दल सही तरफ खड़ा था। उन्होंने कहा कि जो पार्टी की विरासत है, जिस पर गर्व किया जा सकता है, उसको सर्वोपरि रखकर पद को छोड़ दिया ।