मुख्य आरोपी बजरंग दल नेता गिरफ्तार, जांच जारी

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी को लेकर हुई हिंसा में मारे गए पुलिसवाले के परिजनों को सरकार ने 50 लाख रुपए की मदद का ऐलान किया है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी माने जा रहे बजरंग दल नेता को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी योगेश राज ने ही सोमवार को गोकशी की शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके साथ ही अब तक इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं 27 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

मेरठ झोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दो लोगों क कस्टडी में लिया गया है वहीं एसआईटी इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा के दौरान पुलिसवालों ने सुबोध कुमार को अकेला क्यों छोड़ दिया।

इंस्पेक्टर के परिजनों को 50 लाख रुपये देने की घोषणा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजनों को 50 लाख रुपये देने की घोषणा की है। उनकी पत्नी को 40 लाख रुपये तथा माता-पिता को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की है।

गोकशी में सात के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज

पुलिस ने गोकशी के मामले में नयाबांस गांव निवासी योगेशराज की तहरीर पर गांव के सात लोगों सुदैफ चौधरी, इलयास, शराफत, अनस, साजिद, परवेज व सरफुद्दीन के खिलाफ गोवध अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

जांच के लिए एसआईटी का गठन

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। उन्होंने एडीजी इंटेलीजेंस एसबी शिराडकर को मौके पर जाकर दो दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही घटना की जांच के लिए आईजी मेरठ की अध्यक्षता में एसआईटी भी गठित की गई है। दूसरी ओर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने सोमवार शाम पत्रकारों को बताया कि एसआईटी गोवंश फेंके जाने के बाद ग्रामीणों के आक्रोश व इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले की अलग-अलग जांच करेगी।

यूं भड़की हिंसा और गोली लगने से हुई मौत

स्थित स्याना कोतवाली के महाव गांव में गोवंश का अवशेष मिलने के बाद सोमवार को बवाल हो गया। ग्रामीण और हिदू संगठन के कार्यकर्ता पुलिस से टकरा गए। लाठीचार्ज से उग्र हुई भीड़ ने पुलिस चौकी चिगरावठी में घुसकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। वाहन भी फूंक डाले। उपद्रवियों ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी।

जान बचाने के लिए कमरे में छिपे सीओ सत्यप्रकाश शर्मा व दो पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने का प्रयास किया। इस दौरान गोली लगने से एक युवक की भी मौत हो गई। पथराव और फायरिग में पुलिसकर्मियों समेत छह लोग घायल हो गए। किसी तरह फोर्स ने स्थिति संभाली। मामले में पुलिस ने 27 आरोपितों को नामजद करते हुए करीब 60 अज्ञात लोगों पर हत्या, लूट, बलवा आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

महाव गांव के गन्ने के खेत में गोवंशों के कटान की जानकारी मिलने पर सोमवार सुबह ग्रामीण व हिदू संगठनों के कार्यकर्ता वहां पहुंच गए। उन्होंने गोवंश के अवशेष ट्रैक्टर-ट्राली में रखकर चिगरावठी पुलिस चौकी के पास बुलंदशहर-स्याना हाईवे पर जाम लगा दिया। मौके पर फोर्स के साथ पहुंचे स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिह ने भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन, भीड़ ने गो तस्करों पर कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी।

एक घंटे तक चली जद्दोजहद के बाद जब हिदू संगठन के कार्यकर्ता नहीं माने तो पुलिस ने भीड़ पर लाठियां फटकारीं। गुस्साई भीड़ ने पुलिस को घेर कर पथराव, लाठी-डंडे व धारदार हथियारों से हमला कर दिया। जमकर फायरिग भी की गई। इस बीच गोली मारकर स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई।

पथराव में चौकी इंचार्ज सुरेश कुमार, एसओ खानपुर सतेंद्र व होमगार्ड राजेंद्र घायल हो गए। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए हवाई फायरिग शुरू कर दी। इसमें सुमित (21) पुत्र अमरजीत निवासी चिगरावठी घायल हो गया। इस पर गुस्साई भीड़ ने चिगरावठी पुलिस चौकी में घुसकर तोड़फोड़ की। चौकी को आग के हवाले कर दिया। वाहन भी फूंक दिए।

मामले को बढ़ता देख अन्य थानों की भी पुलिस पहुंच गई। फोर्स देख उपद्रवी फरार हो गए। सुबोध कुमार मूलरूप से गांव परगवां थाना जैथरा, एटा निवासी थे। घायल सुमित निवासी चिंगरावठी ने मेरठ के अस्पताल में दम तोड़ दिया। एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार व आइजी मेरठ रेंज राम कुमार भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली।

बताया कि इंस्पेक्टर की निजी पिस्टल व मोबाइल गायब है। डीएम अनुज कुमार झा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, बायीं आंख के ऊपर से गोली कोतवाल के सिर में प्रवेश कर गई, जिससे उनकी मौत हो गई। सीओ स्याना सत्यप्रकाश ने बताया गया कि नामजद आरोपितों में तीन गांवों के लोग हैं, जिनमें 27 लोगों को नामजद किया गया है। बाकी अज्ञात हैं। उन्होंने बताया कि मुकदमा एसआइ सुभाष कुमार की तहरीर पर दर्ज किया है।

एडीजी ने बताया कि गांव में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों और पुलिस के बीच लगभग शांतिपूर्ण माहौल बन गया था। किस वजह से बात बिगड़ी और उपद्रव हो गया, इसकी जांच की जा रही है। बुलंदशहर में इज्तमा के लिए एक संप्रदाय के लगभग पंद्रह लाख लोग जमा थे। इनमें आठ लाख लोग वापस लौट चुके हैं। घटना के बाद इज्तमा से वापस लौट रहे लोगों को वाहनों को रोक दिया गया।

बिसाहड़ा कांड के पहले जांच अधिकारी थे सुबोध

ग्रेटर नोएडा में बीते 28 सितंबर 2015 को हुए बिसाहड़ा कांड के पहले जांच अधिकारी रहे सुबोध कुमार सिंह वर्तमान में बुलंदशहर में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। बिसाहड़ा में तीन साल पहले गोहत्या की सूचना पर हुई इकलाख की हत्या के मामले में उन्होंने दस आरोपितों को दूसरे दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। उनके पिता भी उत्तर प्रदेश पुलिस में थे। पिता की मौत ट्रेन में बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान हुई थी। उनका परिवार ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित गौर सिटी सोसायटी में रहता है। उनके दो बेटे हैं।

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