बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की 7,500 करोड़ रुपये की इस योजना का उद्देश्य स्वरोजगार और आजीविका के अवसरों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने दिल्ली से डिजिटल माध्यम से इस योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और अन्य मंत्री पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। बड़ी संख्या में राज्य की महिलाएं भी ऑनलाइन माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़ीं। राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले इस योजना की शुरुआत को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी मिलेगी
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को उनकी पसंद की आजीविका शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।” बयान में कहा गया कि प्रत्येक लाभार्थी को 10,000 रुपये का प्रारंभिक अनुदान उनके बैंक खाते में मिलेगा, और बाद के चरणों में दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जा सकती है। इसमें कहा गया है कि यह आर्थिक सहायता खेती-बाड़ी, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई, बुनाई और अन्य छोटे व्यापार जैसे लाभार्थी की पसंद के क्षेत्रों में इस्तेमाल की जा सकती है।
बयान में कहा गया है, ‘‘इस योजना को सामुदायिक भागीदारी के साथ लागू किया जाएगा, जिसमें महिलाओं को आर्थिक सहायता के साथ-साथ स्वयं सहायता समूहों से जुड़े सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे अपने कार्य में सफल हो सकें। इसके अलावा, महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य में ग्रामीण हाट-बाजारों का भी विकास किया जाएगा।”
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